नई दिल्ली। फॉक्सवैगन की मुश्किलें रोजाना बढ़ती जा रही है। एक टीचर ने देश में फॉक्सवैगन की गाड़ियों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) में याचिका दायर की है। इससे आने वाले दिनों में कंपनी को बड़ा झटका लग सकता है। गौरतलब है कि गुरुवार को ही कैलिफोर्निया और दक्षिण कोरिया ने कंपनी को अपनी कारें रिकॉल करने का आदेश दिया है।
NGT से गाड़ियों की मैन्युफैक्चरिंग पर रोक लगाने की मांग
याचिकाकर्ता सलोनी आइलावाडी ने कंपनी द्वारा कथित तौर पर एमिशन नियमों के उल्लंघन का जिक्र करते हुए उसके द्वारा यहां वाहनों की बिक्री, असेंबली और मैन्युफैक्चरिंग की अनुमति नहीं देने का आग्रह किया है। याचिका में ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन आफ इंडिया (एआरएआई) की एक ताजा रिपोर्ट का हवाला भी दिया गया है। फॉक्सवैगन इंडिया के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी को इस बारे में NGT से कोई सर्कुलर नहीं मिला है।
भारत के एमिशन नियमों में खामियां
सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायर्नमेंट (सीएसई) ने देश के एमिशन नियमों पर सवाल उठाया है। सीएसई ने कहा कि हालिया फॉक्सवैगन कॉरपोरेट धोखाधड़ी से भारत में एमिशन नियमों की खामियां भी उजागर हो गई हैं। इस मामले में भारत की स्थिति बेहद संवेदनशील है, क्योंकि यहां मैन्युफैक्चरर्स के लिए बिना उचित नियमों और अनुपालन ढांचे के तेजी से डीजल कारों का उत्पादन हो रहा है। सीएसई ने कहा कि फॉक्सवैगन एमिशन स्कैंडल ग्लोबल व्हीकल इंडस्ट्री का सबसे बड़ा कॉरपोरेट घोटाला है। सीएसई की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनुमिता राय ने चौधरी ने कहा, भारत में इस मामले पर किसी का ध्यान नहीं गया।
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