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कॉरपोरेट टैक्‍स कम करना सरकार के लिए बड़ी चुनौती, बढ़ाना चाहती है पहले व्‍यक्तिगत इनकम टैक्‍स संग्रह

कॉरपोरेट टैक्‍स घटाकर 25 फीसदी करने की घोषणा के दो साल बाद सरकार ने कहा कि ऐसी कोई भी कटौती तभी की जा सकती है, जब व्‍यक्तिगत इनकम टैक्‍स का आधार बढ़े।

कॉरपोरेट टैक्‍स कम करना सरकार के लिए बड़ी चुनौती, बढ़ाना चाहती है पहले व्‍यक्तिगत इनकम टैक्‍स संग्रह- India TV Paisa कॉरपोरेट टैक्‍स कम करना सरकार के लिए बड़ी चुनौती, बढ़ाना चाहती है पहले व्‍यक्तिगत इनकम टैक्‍स संग्रह

नई दिल्‍ली। देश में कॉरपोरेट टैक्‍स घटाकर 25 फीसदी करने की घोषणा के दो साल बाद सरकार ने शनिवार को कहा कि कॉरपोरेट टैक्‍स में ऐसी कोई भी कटौती तभी की जा सकती है, जब देश में व्‍यक्तिगत इनकम टैक्‍स का आधार बढ़ जाए और ज्‍यादा से ज्‍यादा लोग अपने टैक्‍स का भुगतान करें।

राजस्‍व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि,

जब तक लोग इनकम टैक्‍स का भुगतान करना शुरू नहीं करते और व्यक्तिगत इनकम टैक्‍स  संग्रह नहीं बढ़ता तब तक कॉरपोरेट टैक्‍स कम करना एक चुनौती है।

  •  उन्‍होंने कहा कि कॉरपोरेट टैक्‍स में यदि एक प्रतिशत कटौती की जाती है तो राजस्व में 18,000 से 19,000 करोड़ रुपए का नुकसान होता है।
  • व्यक्तिगत इनकम टैक्‍स से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का मात्र दो प्रतिशत राजस्व प्राप्त होता है, जो कि काफी कम है, इसे बढ़ाना बड़ी चुनौती है।
  • वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने फरवरी 2015 में अपने दूसरे बजट भाषण में कॉरपोरेट टैक्‍स को अगले चार सालों में चरणबद्ध ढंग से 30 से घटाकर 25 फीसदी करने की घोषणा की थी।
  • कई बार ऐसे मुद्दे उठाए गए हैं कि भारत में कॉरपोरेट इनकम टैक्‍स की दर वैश्विक प्रतिस्‍पर्धी नहीं है।
  • विशेषकर हम अपनी तुलना चीन के साथ करते हैं, न कि अमेरिका के साथ।
  • अमेरिका में कॉरपोरेट टैक्‍स की दर 40 प्रतिशत है, लेकिन हम ऐसा नहीं करते हैं।
  • चीन से तुलना करते हुए यह अक्‍सर कहा जाता रहा है कि हमारे यहां भी कॉरपोरेट टैक्‍स की दर 25 प्रतिशत होना चाहिए।
  • अधिया ने कहा कि हम सबके लिए ऐसा करना चाहेंगे लेकिन हमारे समक्ष बजट की अड़चनें हैं। हमारे समक्ष संसाधन पाने की समस्‍या है।
  • जबतक व्‍यक्तिगत इनकम टैक्‍स का आधार नहीं बढ़ता, जब तक और अधिक लोग आगे आकर सही टैक्‍स जमा नहीं करते, तब तक ऐसा करना हमारे लिए चुनौतीपूर्ण है।
  • उन्‍होंने कहा कि सरकार व्‍यक्तिगत इनकम टैक्‍स का आधार बढ़ाने की कोशिश कर रही है।
  • उन्‍होंने कहा कि व्‍यक्तिगत इनकम टैक्‍स भुगतान का आंकड़ा उपभोग के आंकड़ों से कतई मेल नहीं खाता है।
  • यह कैसे संभव है कि देश में केवल 76 लाख लोग ही अपनी सालाना आय 5 लाख रुपए से अधिक दिखाते हैं और केवल 56 लाख लोग ही वेतनभोगी हैं।
  • गैर सूचीबद्ध कंपनियों में शेयर हस्तांतरण मामले में ईशॉप, आईपीओ, एफपीओ के जरिये वास्तविक तरीके से हासिल शेयरों को दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर मामले में नहीं छेड़ा जाएगा।

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