नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय उद्योग जगत से कहा कि पीपुल, प्लानेट और प्रॉफिट एक-दूसरे से इंटरलिंक्ड हैं। ये तीनों एक साथ फलफूल सकते हैं, साथ में रह सकते हैं। भारतीय चैंबर ऑफ कॉमर्स के वार्षिक सम्मेलन को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने एलईडी बल्ब का उदाहरण देते हुए पीपुल, प्लानेट और प्रॉफिट अवधारणा को समझाया। उन्होंने कहा कि 5-6 वर्ष पहले एक LED बल्ब साढ़े तीन सौ रुपए से भी ज्यादा में मिलता था। आज प्रतिवर्ष देशवासियों के करीब-करीब 19 हजार करोड़ रुपए बिजली के बिल में, LED की वजह से बच रहे हैं। ये बचत गरीब को हुई है, ये बचत देश के मध्यम वर्ग को हुई है।
उन्होंने कहा कि भारत में एक और अभियान अभी चल रहा है देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने का। इसमें पीपुल, प्लानेट और प्रॉफिट तीनों ही विषय समाहित होते हैं। विशेषकर पश्चिम बंगाल के लिए तो ये बहुत ही फायदेमंद है। इससे यहां जूट का कारोबार बढ़ने की संभावना बढ़ती है।
व्यक्ति केंद्रित, व्यक्ति द्वारा संचालित और पर्यावरण अनुकूल विकास की अवधारणा अब देश में प्रशासन का हिस्सा बन गई है। जो हमारे प्रौद्योगिकी हस्तक्षेप हैं, वो भी पीपुल, प्लानेट और प्रॉफिट के विचार के अनुकूल ही है। अब देश में बैंकिंग सर्विस का दायरा उन लोगों तक भी पहुंच पाया है, जिनको लंबे समय तक हेव नोट की श्रेणी में रखा गया था।
डीबीटी, जैम यानि जनधन आधार मोबाइल के माध्यम से बिना लीकेज करोड़ों लाभार्थियों तक जरूरी सहायता पहुंचाना संभव हुआ है। GeM प्लेटफॉर्म पर छोटे-छोटे सेल्फ हेल्प ग्रुप, MSMEs, सीधे भारत सरकार को अपने उत्पाद और सेवाएं उपलब्ध करा सकते हैं।
पीएम मोदी ने उद्यमियों से देश में ही सोलर पैनल की मैन्युफेक्चरिंग, पावर स्टोरेज क्षमता बढ़ाने के लिए बेहतर बैटरी के आरएंडडी और विनिर्माण में निवेश करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि जो इस काम में जुटे हैं, ऐसे संस्थानों की, एमएसएमई का सहयोग करें। पीएम मोदी ने कहा कि ये समय अवसर को पहचानने का है, खुद को आज़माने का है और नई बुलंदियों की ओर जाने का है। ये अगर सबसे बड़ा संकट है, तो हमें इससे सबसे बड़ी सीख लेते हुए, इसका पूरा लाभ भी उठाना चाहिए।
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