नई दिल्ली। पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबी) ने गुरुवार को बताया कि उसने वित्त वर्ष 2018- 19 में 19 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया है। कंपनी कारोबार के दूसरे साल में मुनाफे में आ गई है। पेटीएम पेमेंट बैंक का दावा है कि मार्च 2019 को समाप्त वित्त वर्ष में मोबाइल बैंकिंग कारोबार में वह 19 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ सबसे आगे रही है।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नवंबर 2016 में 500 और 1000 रुपए के नोटों को प्रचलन से बाहर करने की घोषणा के बाद सबसे ज्यादा फायदा पेटीएम को ही हुआ था। लोगों ने डिजिटल भुगतान के लिए पेटीएम एप का उपयोग करना शुरू कर दिया था।
कंपनी की यहां जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि भारत में होने वाले कुल मोबाइल बैंकिंग कारोबार में से करीब एक तिहाई मोबाइल बैंकिंग लेनदेन के पीछे पीपीबी का हाथ रहा है। उसके नेटवर्क में सालाना आधार पर तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक के लेनदेन का निपटारा किया गया।
पेटीएम पेमेंट्स बैंक को इससे पहले 2017-18 को समाप्त वित्त वर्ष में 20.7 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। पेटीएम पेमेंट्स बैंक का गठन अगस्त 2016 में हुआ था और उसने औपचारिक तौर पर 2017 में कारोबार शुरू किया।
पेटीएम पेमेंट्स बैंक के प्रबंध निदेशक और सीईओ सतीश कुमार गुप्ता ने कहा कि बैंक ने पिछले वित्त वर्ष में अप्रत्याशित रूप से बेहतर प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि बैंक का इरादा 2019- 20 में बचत खातों में भुगतान को 24,000 करोड़ रुपए से बढ़कर 40,000 करोड़ रुपए पर पहुंचाने का लक्ष्य है।
पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा की पेटीएम पेमेंट्स बैंक में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि शेष वन97 कम्युनिकेशंस के पास है।
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