नई दिल्ली। पेटीएम ने बुधवार को उस रिपोर्ट का खंडन किया, जिसमें कहा गया था कि कंपनी के प्रमुख शेयरधारकों में से एक चीनी वित्तीय प्रौद्योगिकी दिग्गज एंट समूह, भारतीय होमग्रोन डिजिटल भुगतान कंपनी में अपनी 30 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री पर विचार कर रहा है। पेटीएम ने एक मीडिया रिपोर्ट के बाद अपना स्पष्टीकरण जारी किया है, जिसमें कहा गया था कि अलीबाबा समर्थित एंट लंबे समय से चीन के साथ भारत के गतिरोध के चलते तनावपूर्ण संबंधों के कारण पेटीएम में अपनी हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही है। वहीं एंट समूह ने कहा कि रिपोर्ट गलत सूचना पर आधारित है।
पेटीएम के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, "यह जानकारी पूरी तरह से गलत और भ्रामक है। हमारे किसी भी बड़े हिस्सेदार के साथ न तो कोई चर्चा हुई है और न ही अपनी हिस्सेदारी बेचने या कंट्रोलिंग शेयरधारक बनने के बारे में कोई योजना है।" बयान में कहा गया है, "हमारा मिशन आधे अरब (50 करोड़) भारतीयों को डिजिटल वित्तीय सेवाओं के साथ सशक्त बनाना है और हमारे देश में डिजिटल वित्तीय क्रांति द्वारा प्रस्तुत विशाल अवसर को प्राप्त करना है।"
पेटीएम ने यह भी कहा कि उसके राजस्व में बेहतरीन वृद्धि देखी गई है। यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है, जब भारत ने लगभग पांच महीनों के अंतराल में 267 चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया है। प्रतिबंधित एप्स में कुछ अलीबाबा और अन्य चीनी दिग्गज जैसे कि बाइटडांस और टेनसेंट शामिल हैं। भारत ने सीमा तनाव के बीच चीन से निवेश के नियम भी कड़े कर दिए हैं। दरअसल भारत ने देश की सीमाओं से लगे दूसरे देशों की कंपनियों के द्वारा किए जा रहे निवेश को लेकर नियमों मे सख्ती कर दी है, जिसका सबसे ज्यादा असर चीन की कंपनियों पर ही पड़ा है। वहीं पिछले महीने शंघाई स्टॉक एक्सचेंज (एसएसई) ने एंट समूह की लिस्टिंग पर रोक लगा दी थी।
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