चंडीगढ़। हरियाणा में अब शराब प्रेमियों को ज्यादा कीमत चुकानी होगी। नई आबकारी नीति के प्रभावी होने के बाद देशी शराब, भारत में निर्मित विदेशी शराब (आईएमएफएल) और विदेशी शराब के दामों में 20 प्रतिशत की वृद्धि होगी। इसके अलावा गुरुग्राम और फरीदाबाद में लोगों को सबसे ज्यादा कीमत चुकानी होगी।
वित्त वर्ष 2017-18 के लिए नई आबकारी नीति को आबकारी एवं कराधान मंत्री कैप्टन अभिमन्यू ने रविवार को पेश किया। इस नीति को वेंडर फ्रेंडली बताया जा रहा है क्योंकि इसमें ग्राहक की तुलना में विक्रेता का ज्यादा ध्यान रखा गया है।
इसके अलावा गुरुग्राम और फरीदाबाद आबकारी क्षेत्र में रहने वालों को पब और बार में शराब पीने के लिए अन्य की तुलना में ज्यादा कीमत चुकानी होगी। सरकार ने यहां लाइसेंस फीस 12 लाख रुपए से बढ़ाकर 15 लाख रुपए प्रति वर्ष कर दी है। इसमें अन्य टैक्स शामिल नहीं हैं।
- पिछले सालों के विपरीत नई नीति में वेंडर्स को कई सारे विकल्प प्रदान किए गए हैं।
- अब वेंडर के पास किसी भी ब्रांड को चाहे वो देशी शराब हो, आईएमएफएल हो या दोनों हों, एक ही दुकान से बेच सकने का विकल्प होगा।
- सुप्रीम कोर्ट द्वारा राजमार्गों पर शराब दुकानों को प्रतिबंध करने के आदेश को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने ठेकेदारों को शराब दुकान के लिए स्थान चुनने के लिए स्वतंत्रा प्रदान की है।
- इसमें भी लाइसेंसधारी को यह सुविधा दी गई है कि वह अपने लिए नियुक्त जोन में अपनी पसंदीदा स्थान पर दो उप-दुकानें खोल सकता है।
- कैप्टन अभिमन्यू के पास वित्त मंत्रालय की भी जिम्मेदारी है, वह अपना तीसरा बजट सोमवार को पेश करेंगे।
- आबकारी विभाग ने 4,900 करोड़ रुपए के तय लक्ष्य की तुलना में 4,071 करोड़ रुपए का ही राजस्व हासिल किया है।
- अभिमन्यू ने संकेत दिया है कि नए वित्त वर्ष के लिए 5,500 करोड़ रुपए का लक्ष्य तय किया जा सकता है।
- मंत्री ने कहा कि लाइसेंस फीस और अन्य शुल्कों की मदद से वह चालू वित्त वर्ष के लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होंगे।
- 2017-18 में देशी शराब और IMFL के लिए राज्य में अधिकतम 3,500 आउटलेट्स हो सकते हैं।
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