नई दिल्ली। 2015 में मैगी नूडल्स के विवाद के बाद देश में इन्स्टेंट नूडल्स की मार्केट में उतरे पतंजलि ने 2 साल में बाजार पर अपनी पकड़ मजबूत करना शुरू कर दी है। हालांकि आधे से ज्यादा इन्स्टेंट नूडल्स मार्केट पर अब भी मैगी का ही कब्जा है लेकिन विवाद से पहले उसके पास नूडल्स मार्केट का जितना कब्जा था वहां तक मैगी अभी नहीं पहुंच पायी है।
नील्सन इंडिया के डाटा के मुताबिक मैगी विवाद के बाद लॉन्च हुए पतंजलि नूडल्स का अगस्त अंत तक 1.3 फीसदी बाजार पर कब्जा हुआ है। लेकिन मैगी विवाद से अगर किसी दूसरे इन्स्टेंट नूडल ब्रांड को फायदा हुआ है तो वह आईटीसी का ब्रांड Yippee है, मैगी विवाद से पहले Yippee के पास करीब 15 फीसदी नूडल्स मार्केट पर कब्जा था लेकिन इस साल अगस्त अंत में उसका 22 फीसदी मार्केट पर कब्जा हो चुका है। हालांकि विवाद के बाद मैगी ने अपने आप को काफी हद तक संभाला है और अगस्त अंत तक उसका 60 फीसदी मार्केट पर कब्जा देखा गया है। लेकिन विवाद से पहले मैगी का 4,000 करोड़ रुपए के इन्स्टेंट नूडल्स मार्केट पर 73 फीसदी कब्जा था।
मैगी विवाद से पहले हिंदुस्तान यूनिलीवर का नॉर और चिंग्स मार्केट में आ चुके थे। विवाद से पहले नॉर का सिर्फ 0.6 फीसदी मार्केट पर कब्जा था जो अब बढ़कर 2 फीसदी तक पहुंच गया है वहीं चिंग्स का पहले 0.7 फीसदी मार्केट पर कब्जा था जो अब बढ़कर 1.9 फीसदी तक पहुंच गया है। लेकिन इन दोनो ब्रांड्स के मुकाबले पतंजलि ने अपना मार्केट तेजी से बढ़ाया है।
जून 2015 में मैगी को लेकर विवाद उठा था, फूड सेफ्टी अथॉरिटी ने मैगी में जरूरत से ज्यादा लेड की मात्रा बताते हुए इसे खाने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था। इसके बाद मैगी के बाजार को बुरी तरह से झटका लगा था। हालांकि बाद में अदालत ने फूड सेफ्टी अथॉरिटी के फैसले को गलत बताते हुए मैगी को सुरक्षित बताया था। जिसके बाद मैगी वापस बाजार में उतरी और तेजी से अपने कारोबार को संभाला। विवाद की वजह से 2015 में जून तिमाही के दौरान मैगी की सेल घटकर सिर्फ 190 करोड़ रुपए की रह गयी थी लेकिन अब यह फिर से रिकवर हुई है और 2017 की जून तिमाही में 990 करोड़ रुपए की दर्ज की गई है।
मौजूदा समय में देश के टॉप नूडल्स ब्रांड्स इस तरह से हैं
मैगी नूडल्स (Maggi)
यिप्पी नूडल्स (Yippee)
नॉर नूडल्स (Knorr)
चिंग्स नूडल्स (Ching’s secret)
पतंजलि नूडल्स (Patanjali)
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