नई दिल्ली। केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान भारतीय रेलवे की अधिशेष जमीन पर अनाज भंडारण सुविधाएं विकसित करने का काम तेज करना चाहते हैं। इसी मुद्दे पर पासवान ने मंगलवार को रेल मंत्री पीयूष गोयल के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये बैठक की। इस बैठक में पासवान ने रेलवे की अधिशेष जमीन पर 31 लाख टन अनाज के भंडारण की सुविधाएं विकसित करने के प्रस्ताव को तेजी से आगे बढ़ाने पर जोर दिया। इसपर 2,230 करोड़ रुपए की लागत आएगी।
यह बैठक भंडारण क्षमता में कमी की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। सरकारी गोदामों में कुछ खाद्यान्न कवर और प्लिंथ (सीएपी) भंडारण में रखा जाता है। यह एक अस्थायी तरीका है, जिसमें अनाज को वाटरप्रूफ वस्तु से ढंक दिया जाता है। मानूसन में इस तरीके को सुरक्षित नहीं माना जाता।
पासवान ने कहा कि रेल मंत्री के साथ बैठक में रेलवे की अधिशेष जमीन पर जल्द से जल्द भंडारण सुविधाएं विकसित करने पर चर्चा हुई। हालांकि, उन्होंने इसका अधिक ब्योरा नहीं दिया। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार फिलहाल सरकार के पास 8. 85 करोड़ टन खाद्यान्न के भंडारण की क्षमता है। इसमें से 1.41 करोड़ टन खाद्यान्न का भंडारण सीएपी के तरीके से किया जाता है।
पिछले कुछ वर्ष के दौरान रिकॉर्ड उत्पादन और खरीद की वजह से सरकार का खाद्यान्न का भंडार बढ़ गया है। छह अगस्त तक भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पास 7.5 करोड़ टन का आरक्षित भंडार था।
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