नई दिल्ली। संसदीय समिति ने नोटबंदी के मुद्दे पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर उर्जित पटेल को एक बार फिर बुलाने का फैसला किया है। उन्हें 20 अप्रैल को बुलाया जा सकता है। समिति पटेल से जानना चाहती है कि नोटबंदी के बाद चलन से वापस लिए गए कितने नोट बैंकों में जमा हुए और उनकी जगह नई मुद्रा की आपूर्ति करने का काम काम कितना हुआ है।
जानकार सूत्रों के अनुसार पूर्व केंद्रीय मंत्री एम वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता वाली वित्त मामलों की स्थायी समिति की बैठक 20 अप्रैल को होने की संभावना है। गवर्नर पटेल के साथ-साथ आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास व वित्तीय सेवा सचिव अंजलि छिब दुग्गल को भी समिति के समक्ष हाजिर होने को कहा गया है।
समिति ने नोटबंदी के मुद्दे पर पिछली बैठक 18 जनवरी को की थी। समिति ने अब 20 अप्रैल को रिजर्व बैंक व वित्त मंत्रालय के अधिकारियों की उपलब्धता की जानकारी ली है। सूत्रों का कहना है कि समिति द्वारा अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप दिए जाने से पहले यह शायद आखिरी मौखिक गवाही होगी। रिजर्व बैंक के गवर्नर यदि उस तिथि को नहीं आए तो एक और बैठक बुलाई जा सकती है।
पिछली बैठक में पटेल ने चलन से बाहर हुए नोटों के बैंक में जमा होने का आंकड़ा समिति को नहीं बताया था। उन्होंने केवल यह जानकारी दी थी कि 9.2 लाख करोड़ रुपए मूल्य के नए नोट जारी किए गए हैं। पिछले साल 8 नवंबर को यह घोषणा की गई थी कि देश में 500 और 1000 रुपए के नोट के रूप में 15.44 लाख करोड़ रुपए की मुद्रा चलन में है जो कुल मुद्रा का 86 प्रतिशत है।
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