नई दिल्ली। भारत के उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने आज कहा कि नीरव मोदी द्वारा किए गए कथित पीएनबी बैंक धोखाधड़ी मामले और अन्य पर चर्चा के लिए संसद में काम होना चाहिए। इस तरह के लोग देश की छवि को खराब करते हैं और लोग पूरी बैंक व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं।
बजट सत्र का दूसरा चरण शुरू होने के बाद से सदन की कार्यवाही लगातार बाधित हो रही है। आज सुबह के सत्र में भी दोनों सदनों की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया। उप-राष्ट्रपति ने जमीन-जायदाद के विकास से जुड़ी कंपनियों के शीर्ष संगठन क्रेडाई के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि नीरव मोदी, चौकसी और विजय माल्या जैसे दो-तीन ही उदाहरण हैं, लेकिन यह देश की छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं और पूरी व्यवस्था की छवि खराब कर रहे हैं।
लोग पूरी बैंकिंग व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्या यह संरचनात्मक असफलता है, या फिर विभिन्न स्तर पर लोगों की मिलीगत से ऐसा हुआ है। यदि ऐसा है तो कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई। नायडू ने उम्मीद जताई है कि संसद अपना काम करेगी और इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर अर्थपूर्ण और रचनात्मक चर्चा होगी।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि यह पता लगाने का कोई फायदा नहीं है कि किसके शासनकाल में गलती हुई, जिसके कारण धोखाधड़ी हुई बल्कि सांसदों को यह पता लगाना चाहिए कि कहां गलती हुई।
उन्होंने कहा कि इस मामले के कारण लोगों का बैंकिंग व्यवस्था पर से भरोसा कम हो रहा है। यह बड़ा मामला है। नायडू ने कहा कि जब राज्यसभा में धोखाधड़ी पर चर्चा का प्रस्ताव आया तो उन्होंने चर्चा की अनुमति दी थी लेकिन दुर्भाग्य से चर्चा नहीं हो सकी।
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