नई दिल्ली। एक संसदीय समिति ने वित्त मंत्रालय से IDBI बैंक के लिए पुनरोद्धार योजना बनाने को कहा है। बैंक पर डूबे कर्ज का बोझ इस कदर बढ़ गया है। यह डूबा कर्ज वसूली के नजरिए से हाथ से बाहर निकल गया है।
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- संसद की याचिका समिति ने कहा कि वित्तीय सेवा विभाग को IDBI बैंक के साथ तालमेल में एक पुनरोद्धार योजना तैयार करनी चाहिए।
- इसमें दबाव वाली परिसंपत्तियों को पटरी पर लाने के अलावा 2018-19 तक सकल गैर निष्पादित परिसंपत्तियों (NPA) को तीन फीसदी पर लाने और शुद्ध NPA को शून्य पर लाने का लक्ष्य तय किया जाना चाहिए।
- समिति की रिपोर्ट में बैंक की गैर-मुख्य संपत्तियों की बिक्री का भी सुझाव दिया गया है जिससे बैंक की ग्रोथ को आगे बढ़ाया जा सके।
- समिति ने सरकार से इस बारे में जरूरी कार्रवाई करने और समिति को तीन महीने में रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
- रिपोर्ट में कहा गया है कि IDBI बैंक को इन विशेष उल्लेख वाले खातों की निगरानी करनी चाहिए जिससे डूबा कर्ज और न बढ़ सके।
- वसूली के उपायों को प्रोत्साहित किया जाए और गैर-निष्पादित कर्जों का उन्नयन किया जाए, जिससे संपत्ति की गुणवत्ता सुधर सके।
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- याचिका समिति ने यह भी सुझाव दिया कि नियमनों, निगरानी और जोखिम प्रबंधन में सुधार के लिए IDBI बैंक में टियर टू बॉन्डों के जरिए धन जुटाने की प्रक्रिया में बासेल तीन नियमों का अनुपालन किया जाए।
- चालू वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में IDBI बैंक को 2,255 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा हुआ।
- इससे पिछली तिमाही में बैंक ने 56 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया था।
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