नई दिल्ली। विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी जैसे धोखेबाजों के देश छोड़कर भाग जाने पर लगाम लगाने के लिए एक अंतर मंत्रालयी समिति ने पासपोर्ट कानून को कड़ा करने का सुझाव दिया है। इस संबंध में समिति ने गृह मंत्रालय को अपनी रपट सौंप दी है। चोकसी के हाल में एंटीगुआ की नागरिकता लेने के बाद गृह मंत्रालय ने इस समिति का गठन किया था। समिति को ऐसे भारतीय पासपोर्ट धारकों के मामले देखने को कहा गया है जिन्होंने दोहरी नागरिकता ले ली है।
इसके बाद समिति ने वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार की अध्यक्षता में एक उप-समूह का गठन किया जिसे भारतीय पासपोर्ट और दोहरी नागरिकता के मुद्दे को देखने का काम दिया गया। सूत्रों ने बताया कि जांच के बाद कुमार की अध्यक्षता वाली समिति ने पासपोर्ट कानून में संशोधन की सिफारिश की है ताकि जानबूझकर ऋण नहीं चुकाने वालों और धोखेबाजों के देश छोड़कर भाग जाने पर लगाम लगायी जा सके।
उल्लेखनीय है कि चौकसी पंजाब नेशनल बैंक के साथ दो अरब डॉलर की कथित धोखाधड़ी में शामिल हैं और पिछले साल उसने एंटीगुआ की नागरिकता ले ली है। सूत्रों ने बताया कि जिन लोगों के पास दो देशों के पासपोर्ट हैं उनसे निपटना भारतीय अधिकारियों के लिए काफी मुश्किल भरा है।
समिति ने इसके लिए कई सुझाव दिए हैं जिसमें भारतीय नागरिकता समाप्त करने का प्रावधान भी है। इस समिति में गृह और विदेश मंत्रालय के अलावा सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय, भारतीय रिजर्व बैंक और खुफिया ब्यूरो के प्रतिनिधि भी शामिल हैं।
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