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Hindi News पैसा बिज़नेस Lockdown पूरी तरह खत्‍म होने के बाद वित्‍तीय क्षेत्र को अपने पैर पर खड़ा करने की सरकार के सामने होगी बड़ी चुनौती

Lockdown पूरी तरह खत्‍म होने के बाद वित्‍तीय क्षेत्र को अपने पैर पर खड़ा करने की सरकार के सामने होगी बड़ी चुनौती

अर्थव्यवस्था को फिर से खोलने और कोविड-19 से पहले वाले दौर में वापस लाने के लिए हमें इस स्वास्थ्य संकट से बाहर आना होगा।

Panagariya says Govt's biggest challenge will be putting financial sector back on feet- India TV Paisa Image Source : GOOGLE Panagariya says Govt's biggest challenge will be putting financial sector back on feet

नई दिल्ली।  एक जून नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 संकट के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था को लॉकडाउन से बाहर लाने के बाद ‘पहले नंबर की चुनौती’ वित्तीय क्षेत्र को वापस उसके पैरों पर खड़ा करना होगी। एक साक्षात्कार में पनगढ़िया ने कहा कि भारत एक स्वास्थ्य संकट का सामना कर रहा है जिसकी वजह से अर्थव्यवस्था अचानक से रुक गयी है।

उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को फिर से खोलने और कोविड-19 से पहले वाले दौर में वापस लाने के लिए हमें इस स्वास्थ्य संकट से बाहर आना होगा। एक बार जब यह हो जाएगा तो हमें जिस कमजोरी से पार पाने की जरूरत होगी, वह वित्तीय बाजारों में रुकावटों का दूर करना। इसे हमने कोविड-19 से पहले अनसुलझा छोड़ दिया था।

पनगढ़िया ने कहा कि अर्थव्यवस्था को एक बार खोलने के बाद सरकार की सबसे बड़ी चुनौती वित्तीय क्षेत्र को वापस उसके पैरों पर खड़ा करना रह जाएगी। कोविड-19 के प्रसार को सीमित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को पहले 21 दिन का लॉकडाउन किया था। तब से अब तक इसे विभिन्न बदलावों के साथ पांच बार आगे बढ़ाया जा चुका है। विभिन्न रियायतों के साथ लॉकडाउन का पांचवा चरण 30 जून तक रहेगा।

भारत की मौजूदा वृहद आर्थिक स्थिति पर अर्थशास्त्री पनगढ़िया ने कहा कि जब लोगों का जीवन बिना मास्क और सामुदायिक दूरी के सुचारू और सामान्य हो जाएगा। देश की आर्थिक वृद्धि अपने आप तेज हो जाएगी। उन्होंने कहा कि क्या हम अंदाजा लगा सकते हैं कि 2020-21 में देश की जीडीपी कहां जाकर ठहरेगी। उन्हें लगता है कि इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता क्योंकि अभी बहुत ज्यादा अनिश्चिता है, हम कब बिना मास्क और सामुदायिक दूरी के सामान्य तरीके से जीवन जी सकेंगे।

पनगढ़िया ने कहा कि यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि कोरोना वायरस का टीका कब बनता है या इसका इलाज कब उपलब्ध होता है। या फिर वायरस कब खुदबखुद खत्म होता है।

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