नई दिल्ली। आयकर विभाग और कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) ने कंपनियों के पैन और ऑडिट रिपोर्ट को नियमित रूप से साझा करने के लिए करार किया है। सरकार ने आज यह जानकारी दी। इसका मकसद मुखौटा कंपनियों का पता लगाना है।
वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि इस करार का उद्देश्य मुखौटा कंपनियों द्वारा मनी लांड्रिंग, कालेधन और कॉरपोरेट ढांचे के दुरुपयोग पर अंकुश लगाना है। सूचनाओं के स्वत: तरीके और नियमित आधार पर आदान-प्रदान के लिए एमसीए और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने छह सितंबर को हस्ताक्षर किए और यह उसी दिन से प्रभाव में आ गया। करार के तहत अब कर अधिकारी कंपनियों की ऑडिट रिपोर्ट तथा उनके आईटी रिटर्न से विशेष सूचनाएं पैन आंकड़ों के साथ कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय को भेजेंगे।
कंपनियों द्वारा कंपनी पंजीयक के पास दिए गए वित्तीय ब्योरे के अलावा शेयर आवंटन रिटर्न और बैंकों से मिले वित्तीय लेनदेन के ब्योरे को दोनों विभागों के बीच साझा किया जाएगा। इसमें कहा गया है कि आंकड़ा आदान-प्रदान संचालन समूह का भी गठन किया गया है, जो समय-समय पर बैठक कर डेटा आदान-प्रदान की स्थिति की समीक्षा करेगा और इसकी दक्षता में सुधार के उपाय करेगा।
इस एमओयू से यह सुनिश्चित होगा कि एमसीए और सीबीडीटी को बिना किसी अड़चन के पैन-सिन (कॉरपोरेट पहचान संख्या) और पैन डिन (निदेशक पहचान संख्या) तक नियामकीय उद्देश्य के लिए पहुंच सुनिश्चित होगी।
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