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Hindi News पैसा बिज़नेस तालिबान की मदद करना पाकिस्‍तान को पड़ा भारी, पाकिस्‍तानी रुपया डॉलर के मुकाबले सर्वकालिक निचले स्‍तर पर पहुंचा

तालिबान की मदद करना पाकिस्‍तान को पड़ा भारी, पाकिस्‍तानी रुपया डॉलर के मुकाबले सर्वकालिक निचले स्‍तर पर पहुंचा

मंगलवार को डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया 168.94 रुपये पर कारोबार कर रहा था। तुलनात्मक रूप से भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 73.66 रुपये पर कारोबार कर रहा है।

Pakistani rupee depreciates to all time low at Rs 169.6 to US dollar- India TV Paisa Image Source : IMRAN KHAN@TWITTER Pakistani rupee depreciates to all time low at Rs 169.6 to US dollar

कराची। बुधवार को अंतर-बैंकिंग मुद्रा कारोबार में पाकिस्‍तानी रुपया एक रुपये गिरकर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अपने सर्वकालिक निचले स्‍तर 169.9 पर पहुंच गया। इसका मतलब यह है कि एक पाकिस्‍तानी नागरिक को एक डॉलर के लिए अब 169.9 पाकिस्‍तानी रुपये खर्च करने होंगे। मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि अमेरिकी डॉलर ने बुधवार को कारोबार शुरू होने के साथ ही मजबूत होना शुरू कर दिया। मंगलवार को डॉलर के मुकाबले पाकिस्‍तानी रुपया 168.94 रुपये पर कारोबार कर रहा था। तुलनात्‍मक रूप से भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 73.66 रुपये पर कारोबार कर रहा है।

एक्‍सचेंज कंपनीज एसोसिएशन के चेयरमैन मलिक बोस्‍तान ने कहा कि अंतरबैंक और खुले बाजार में अमेरिकी मुद्रा में तेजी आने का मुख्‍य कारण आयातकों द्वारा डॉलर की अग्रिम बुकिंग करना है, जिसकी वजह से इसकी मांग बढ़ गई है। स्‍टेट बैंक ऑफ पाकिस्‍तान ने अभी तक स्‍थानीय मुद्रा को स्थिर करने के लिए कोई हस्‍तक्षेप नहीं किया है।

बोस्‍तान ने कहा कि यदि अमेरिकी मुद्रा को बढ़ने से नहीं रोका गया तो स्‍थानीय मुद्रा का मूल्‍य और अधिक घट जाएगा। पाकिस्‍तानी रुपये को एशिया में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली मुद्रा के रूप में घोषित किया गया है। एक वित्‍तीय वि‍शेषज्ञ ने कहा कि पाकिस्‍तान रुपये के मूल्‍य में गिरावट से घरेलू उपभोक्‍ता बाजार में महंगाई दर और बढ़ेगी और इसका आम जनता पर बुरा असर पड़ेगा। इस साल 14 मई को, डॉलर 151.83 पर कारोबार कर रहा था, लेकिन उसके बाद इसमें बहुत धीमी वृद्धि हुई।

ताजिकिस्तान जाएंगे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान

प्रधानमंत्री इमरान खान शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए ताजिकिस्तान की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा करेंगे और आपसी संबंधों पर वहां के नेतृत्व के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। विदेश कार्यालय ने बुधवार को यह जानकारी दी। खान दुशांबे में 20वें एससीओ काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ स्टेट (एससीओ-सीएचएस) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। विदेश कार्यालय (एफओ) ने कहा कि उन्हें ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमाली रहमान ने 16-17 सितंबर को यात्रा के लिए आमंत्रित किया है। खान के साथ मंत्रियों का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी जाएगा।

उन्होंने इससे पहले 13-14 जून 2019 को किर्गिज गणराज्य के बिश्केक में आयोजित एससीओ-सीएचएस में भाग लिया और वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 10 नवंबर 2020 को रूस द्वारा आयोजित एससीओ-सीएचएस में हिस्सा लिया था। एससीओ को ‘नाटो’ के प्रतिकार के रूप में देखा जाता है। यह आठ सदस्यीय आर्थिक और सुरक्षा गठजोड़ है और सबसे बड़े अंतर-क्षेत्रीय अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में से एक के रूप में उभरा है। भारत और पाकिस्तान 2017 में इसके स्थायी सदस्य बने थे। एससीओ की स्थापना 2001 में शंघाई में रूस, चीन, किर्गिज गणराज्य, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान के राष्ट्रपतियों द्वारा एक शिखर सम्मेलन में की गई थी।

एससीओ में चार पर्यवेक्षक देश- ईरान, मंगोलिया, बेलारूस और अफगानिस्तान- भी हैं और इसके अलावा इसके छह संवाद साझेदार- अजरबैजान, आर्मेनिया, कंबोडिया, नेपाल, तुर्की और श्रीलंका- भी हैं। विदेश कार्यालय की तरफ से बताया गया है कि खान मुख्य कार्यक्रम से इतर अन्य सहभागी नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में 17 सितंबर को होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की वार्षिक शिखर बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का डिजिटल माध्यम से नेतृत्व करेंगे। विदेश मंत्रालय ने नई दिल्ली में बुधवार को यह जानकारी दी। विदेश मंत्री एस जयशंकर एससीओ बैठकों के लिए दुशांबे जाएंगे। 

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