पाकिस्तान ने वस्त्र उद्योग को दी राहत, कपास यार्न के आयात पर सीमा शुल्क को किया समाप्त
इमरान खान सरकार ने 1 अप्रैल को भारत से कपास आयात के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान सरकार ने देश के संकटग्रस्त वस्त्र उद्योग को राहत देने के लिए आयातित कॉटन यार्न पर लगने वाले सीमा शुल्क को जून तक न वसूलने की घोषणा की है। वस्त्र निर्यात क्षेत्र पिछले काफी लंबे समय से भारत सहित पूरी दुनिया से ड्यूटी फ्री कॉटन यार्न के आयात की मांग कर रहा था। आर्थिक समन्वय समिति (ईसीसी) ने वस्त्र उद्योग को सुचारू रूप से चलाने के लिए 30 जून तक सूती धागे के आयात पर सीमा शुल्क हटाए जाने को मंजूरी दे दी है। वित्त मंत्रालय ने यहां इसकी जानकारी दी है।
मंत्रालय के दिए बयान के हवाले से सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट में बताया, शीर्ष आर्थिक निकाय ने घरेलू उत्पादन और आदानों की समग्र मांग के बीच अंतर को कम करते हुए मूल्य-वर्धित उद्योग में कपास और सूती धागे की सुचारू आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया है।
इमरान खान सरकार ने 1 अप्रैल को भारत से कपास आयात के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। प्रधानमंत्री के वाणिज्यिक और निवेश सलाहकार रजाक दाउद ने कहा कि जून तक कपास धागे के आयात पर शुल्क शून्य रहेगा और इसके लिए कैबिनेट से मंजूरी लेनी होगी। सरकार ने पिछले साल दिसंबर में कॉटन यार्न के आयात पर लगने वाली पांच प्रतिशत रेगूलेटरी ड्यूटी को पहले ही खत्म कर दिया है।
पाकिस्तान में इस बार कपास उत्पादन में 40 प्रतिशत गिरावट आने का अनुमान है। उत्पादन में कमी के चलते, टेक्सटाइल बिजनेस हाउसेस मूल्यृद्धि से डरे हुए हैं। भारत दुनिया का सबसे बड़ा कपास उत्पादक है। मजबूत वैश्विक मांग के कारण 2018-19 विपणन वर्ष में भारत से कपास निर्यात 40 प्रतिशत बढ़कर 1 करोड़ गांठ पर पहुंच गया था।
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