नई दिल्ली। अब पाकिस्तान में भी लोग यूट्यूब के वीडियो देख सकेंगे। पाकिस्तान सरकार ने यूट्यूब से तीन साल लंबा बैन हटा दिया है। यह फैसला तब आया जब इस वीडियो शेयरिंग वेबसाइट ने एक लोकल वर्जन लॉन्च किया। जहां पर सरकार ऑफैंसिव कंटेंट को हटा सकती है। पाकिस्तान ने यूट्यूब पर बैन साल 2012 में लगाया था। उस वक्त एक इस्लाम विरोधी फिल्म जिसका नाम इनोसेंट ऑफ मुस्लिम्स को अपलोड किया गया था। इसके बाद मुस्लिम मेजोरिटी देश में कड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ था।
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कुछ गड़बड़ हुई तो फिर लगेगा बैन
पाकिस्तान ने यूट्यूब से बैन तो हटा दिया है। लेकिन अब कोई गड़बड़ी आती है तो यूट्यूब पर फिर बैन लग सकता है। मिनिस्ट्री ऑफ इंफॉरमेशन टेक्नोलॉजी एंड टेलीकॉम यूट्यूब के नए वर्जन के तहत द पाकिस्तान टेलीकम्यूनिकेशन ऑथोरिटी (पीटीए) आपत्तिजनक चीजों को ब्लॉक कर सकती है। मिनिस्ट्री ने कहा है कि पीटीए के सुझाव के अनुसार पाकिस्तान की सरकार ने हाल ही में लॉन्च किए गए वर्जन को एक्सेस करने की अनुमति दे दी है। सरकार गूगल से कभी भी आपत्तिजनक चीजों को ब्लॉक करने के लिए कह सकती है।
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कंटेंट हटाने से पहले रिव्यू करेगा गूगल
पाकिस्तान की इस पहल के बाद गूगल ने कहा है कि वह बिना रिव्यू करें ऐसा कंटेट नहीं हटाएगा। गूगल ने इस संबंध में एक बयान जारी करते हुए कहा है कि हमारे पास गाइडलाइन्स हैं और जब भी वीडियो उन नियमों का उल्लंघन करती है तो हम हटा देते है। हमने यूट्यूब को लोकली लॉन्च कर दिया है और साथ ही ये नोटिफाई कर दिया है अगर वो वीडियो उस देश में गैर कानूनी है तो रिव्यू के बाद उसे रिस्ट्रिक्ट कर देंगे।
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