इस्लामाबाद। नकदी संकट से जूझ रही पाकिस्तान सरकार ने अब वैश्विक वित्तीय संस्थाओं से दो अरब डॉलर का नया कर्ज मांगने की योजना बनाई है। एक मीडिया रिपोर्ट में बुधवार को यह जानकारी दी गई। पाकिस्तान को कोरोना वायरस महामारी का मुकाबला करने के लिए मदद की दरकार है, जबकि सरकार के खजाने की स्थिति तेजी से बिगड़ रही है।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया कि पाकिस्तान ने विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) से जो नया कर्ज मांगा है, वह जी-20 देशों से मांगे गए कर्ज के मुकाबले अधिक है। इस्लामाबाद ने जी-20 देशों से 1.8 अरब डॉलर मांगे हैं। एडीबी और पाकिस्तान के बीच 30.5 करोड़ रुपए के कोविड-19 आपातकालीन ऋण पर सहमति हुई है, ताकि चिकित्सा उपकरण खरीदे जा सकें और गरीब महिलाओं को धन वितरित किया जाए। अब एशियाई विकास बैंक वाणिज्यिक शर्तों पर ऋण राशि को बढ़ाएगा।
पाकिस्तान को पिछले महीने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से 1.39 अरब अमेरिकी डॉलर का आपातकालीन ऋण और विश्व बैंक से 20 करोड़ डॉलर की सहायता मिली थी। अनुमान है कि पाकिस्तान का सार्वजनिक ऋण इस साल जून तक बढ़कर 37,500 अरब पाकिस्तानी रुपए या सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 90 प्रतिशत हो जाएगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान सिर्फ इस साल ही कर्ज चुकाने पर 2,800 अरब रुपए खर्च करेगा जो संघीय राजस्व बोर्ड के अनुमानित कर संग्रह का 72 प्रतिशत है। दो साल पहले जब पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार सत्ता में आई थी, तब सार्वजनिक ऋण 24,800 लाख करोड़ रुपए था, जो तेजी से बढ़ रहा है। पाकिस्तान में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस के 469 नए मामले सामने आए। अब तक कुल 45,898 लोगों को संक्रमण हो चुका है और 985 की मौत हुई है।
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