इस्लामाबाद। पाकिस्तान के वित्त मंत्री असद उमर का कहना है कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था संकट के दौर से बाहर निकल चुकी है। हालांकि एडीबी ने नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की आर्थिक विकास की दर के 2019 में घटकर 3.9 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया है, जो 2018 में 5.2 प्रतिशत थी।
जियो टीवी पर साक्षात्कार में उमर ने कहा कि अर्थव्यवस्था के लिए संकट का दौर निकल चुका है और अब हम स्थिर दौर में हैं। उन्होंने कहा कि यह स्थिर दौर अगले एक से डेढ़ साल तक बना रहेगा क्योंकि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था एक ऐसे मरीज की तरह है जो आईसीयू में था और ईलाज के बाद इसे अब नॉर्मल वार्ड में शिफ्ट किया गया है।
वर्तमान में हमारी स्थिति ऐसी है कि हम पुराने ऋण चुकाने के लिए नया कर्ज नहीं ले रहे हैं, बल्कि ब्याज का भुगतान करने के लिए ऋण ले रहे हैं। उमर ने कहा कि पाकिस्तान आर्थिक मोर्चे पर तीन मुख्य समस्याओं से जूझ रहा है। यह हैं राजकोषीय घाटा, चालू खाता घाटा और बचत एवं निवेश में अंतर।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ वित्तीय पैकेज के लिए बातचीत अंतिम दौर में है। 16 मार्च को उमर ने संकेत दिया था कि आईएमएफ के साथ वित्तीय पैकेज की बातचीत अपने अंतिम दौर में है और सरकार किसी भी समझौते पर पहुंचने से पहले आईएमएफ के नवनियुक्त मिशन चीफ से एक बार और बातचीत करेगी।
नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से 8 अरब डॉलर की सहायता राशि मांगी है। पाकिस्तान अभी तक अपने मित्र राष्ट्रों से 9.1 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता हासिल कर चुका है। चीन ने 4.1 अरब डॉलर, सऊदी अरब ने 3 अरब डॉलर और यूएई ने 2.1 अरब डॉलर की मदद की है।
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