पाकिस्तान आर्थिक संकट: पीएम इमरान खान ने कही ये बड़ी बात, 30 जून के बाद नहीं दूंगा मौका
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश में भ्रष्टाचार के मामलों में राजनेताओं की गिरफ्तारियों को सही ठहराते हुए कहा है कि वह देश को बुरी तरह कर्ज में डुबाने वाले 'चोरों' को नहीं बख्शेंगे।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश में भ्रष्टाचार के मामलों में राजनेताओं की गिरफ्तारियों को सही ठहराते हुए कहा है कि वह देश को बुरी तरह कर्ज में डुबाने वाले 'चोरों' को नहीं बख्शेंगे। इमरान खान ने पिछले 10 वर्ष में चढ़े भारी कर्जों की जांच के लिए एक अधिकार संपन्न उच्च स्तरीय आयोग गठित करने की भी घोषणा की। पाकिस्तान इस समय नकद धन की कमी से जूझ रहा है।
प्रधानमंत्री खान ने अपनी सरकार का पहला बजट पेश किए जाने के बाद असामान्य तरीके से आधी रात को राष्ट्र को इस बारे में संबोधित किया। खान ने कहा कि पाकिस्तान की आर्थिक समस्याओं की जड़ में देश पर बकाया भारी कर्ज है। यह 10 साल में 6,000 अरब रुपए (पाकिस्तानी रुपए) से बढ़कर 30,000 अरब रुपए पर पहुंच गया है। इमरान ने कहा, 'आप सभी से मेरी अपील है कि संपत्ति घोषित स्कीम (assets declaration scheme) में हिस्सा लें। इमरान खान ने कहा कि पिछले 10 साल में पाकिस्तान का कर्ज 6 हजार अरब से बढ़कर 30 हजार अरब रुपये तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि अगर आप टैक्स नहीं देते तो हम देश को आगे नहीं ले जा सकेंगे। 30 जून के बाद आपको यह मौका नहीं मिलेगा।
इससे पहले मंगलवार को ही में दिन पंजाब विधानसभा के प्रतिपक्ष के नेता हम्जा शहबाज को गिरफ्तार किया गया। शहबाज को मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों में भ्रष्टाचार रोधी एजेंसी राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (नैब) ने गिरफ्तार किया है। इससे पहले सोमवार को पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को नैब ने गिरफ्तार किया था। उन पर अरबों डॉलर के धन शोधन का आरोप है। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भ्रष्टाचार के मामले में पहले से जेल में हैं।
खान ने कहा कि अर्थव्यवस्था को स्थिर करने की उनकी सरकार की शुरुआती पहलों के बाद उनका ध्यान उन लोगों को घेरने पर होगा जिन्होंने देश को इतने बुरे हालात में पहुंचाया। खान ने घोषणा की 'पाकिस्तान अब स्थिर है। उस दबाव (अर्थव्यवस्था को स्थिर रखने का) से राहत मिल चुकी है। अब मैं उनको (भ्रष्ट नेताओं) नहीं बख्शूंगा।' उन्होंने कहा कि वह एक शक्ति प्राप्त उच्च स्तरीय जाचं आयोग का गठन करने जा रहे हैं। इसका एक ही कार्यक्रम होगा कि वह पता लगाए कि कैसे उन्होंने 10 साल में कर्ज को 24,000 अरब रुपए तक बढ़ाया। उन्होंने कहा कि इस आयोग में संघीय जांच एजेंसी, आसूचना ब्यूरो, आईएसआई, संघीय राजस्व बोर्ड और पाकिस्तान प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग के सदस्य शामिल होंगे।