इस्लामाबाद/नयी दिल्ली। पाकिस्तान की सरकारी ट्रेडिंग कंपनी टीसीपी ने सोमवार को 50,000 टन सफेद चीनी के आयात के लिये वैश्विक निविदा जारी की है। लेकिन यह आयात भारत जैसे ‘प्रतिबंधित’ देशों से नहीं किया जा सकता। भारत के चीनी उद्योग ने इस कदम को पड़ोसी देश के लिये ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया। यह ट्रेडिंग कॉरपोरेशन ऑफ पकिस्तान (टीसीपी) की तीसरी निविदा है जो जारी की गई है। इससे पहले, ऊंचे मूल्य की बोली की वजह से 50,000-50,000 टन की दो निविदाओं को रद्द कर दिया गया था।
पाकिस्तान में चीनी उत्पादन कम हुआ है। ऐसे में वह घरेलू उपलब्धता बढ़ाने तथा खुदरा मूल्य पर अंकुश लगाने के लिये चीनी आयात का प्रयास कर रहा है। पाकिस्तान में चीनी का मूल्य 100 पीकेआर (पाकिस्तानी रुपया) पहुंच गया है। पिछले सप्ताह, पाकिस्तान की आर्थिक समन्वय समिति द्वारा भारत से चीनी और कपास के आयात की अनुमति देने के बाद, अचानक से दोनों देशों के बीच व्यापार शुरू होने की उम्मीद जगी थी। हालांकि, बाद में पाकिस्तान के मंत्रिमंडल ने इस निर्णय को पलट दिया। टीसीपी ने 50,000 टन चीनी के आयात के लिये निविदा जारी करते हुए यह साफ किया है कि सफेद चीनी का आयात इस्राइल या अन्य किसी प्रतिबंधित देश से नहीं होना चाहिए।
वैश्विक आपूर्तिकर्ताओं को 14 अप्रैल तक बोली जमा करने को कहा गया है। चीनी की आपूर्ति कराची बंदरगाह पर करनी होगी। इस बारे में ‘ऑल इंडिया शुगर ट्रेड एसोसएिशन (एआईएसटीए) के चेयरमैन प्रफुल्ल विठलानी ने कहा, ‘‘यह पाकिस्तान के लिये दुर्भाग्यपूर्ण है। क्या आपको भारतीय चीनी के समरूप गुणवत्ता, कीमत और तेजी से आपूर्ति के साथ चीनी मिलेगी?’’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के लिये भारत से चीनी अयात करना अधिक सस्ता और आसान होता।
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