इस्लामाबाद: नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के बीच छह अरब डॉलर के ऋण कार्यक्रम को बहाल करने के लिए सहायता पैकेज की छठी समीक्षा को पूरा करने को लेकर कर्मचारी स्तर पर सहमति बन गई है। आईएमएफ ने वर्ष 2019 में एक ‘राहत पैकेज’ की घोषणा की थी जिसमें विस्तारित कोष सुविधा (ईएफएफ) के तहत सहायता प्रदान करने का वादा किया गया था। इस सुविधा की छठी समीक्षा अप्रैल से ही अधर में लटकी हुई है। इससे निवेशकों के मन में संदेह पैदा हो रहा था। आईएमएफ ने सोमवार को एक बयान में घोषणा की कि कर्मचारी स्तर पर बनी सहमति को कार्यकारी बोर्ड द्वारा अनुमोदन मिलना जरूरी है।
पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ चर्चा के बाद अपने बयान में, आईएमएफ ने ‘कठिन माहौल के बावजूद’ कार्यक्रम को लागू करने में देश की प्रगति को स्वीकार किया। आईएमएफ ने धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण (एएमएल/सीएफटी) को रोकने की दिशा में पाकिस्तान की प्रगति को भी स्वीकार किया, लेकिन उसने कहा कि इसे मजबूत करने के लिए अतिरिक्त समय की आवश्यकता थी। आईएमएफ ने कहा कि पाकिस्तान की आर्थिक विकास दर चालू वित्त वर्ष में चार प्रतिशत और वित्त वर्ष 2023 में 4.5 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी या इससे अधिक हो जाएगी।
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