पाकिस्तान ने टेके भारत के सामने घुटने, 4.5 करोड़ मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन आयात करने का लिया फैसला
पहले चरण में 1.5 करोड़ डोज के लिए ऑर्डर दिया जाएगा, जबकि शेष 3 करोड़ डोज का आयात जुलाई से दिसंबर के बीच किया जाएगा।
नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोकने में नाकाम पाकिस्तान की सरकार ने आखिरकार भारत से मदद लेना स्वीकार कर लिया है। पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने भारत से कोरोनावायरस वैक्सीन का निर्यात करने का फैसला किया है। प्लानिंग मंत्री असद उमर ने बुधवार को इस बात की पुष्टि की है। असद नेशनल कमांड एंड ऑपरेशन सेंटर (एनसीओसी) के प्रमुख भी हैं।
दि एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार में छपी खबर के मुताबिक गावी वैक्सीन एलायंस के तहत पाकिस्तान अपने पड़ोसी मुल्क भारत से 4.5 करोड़ डोज का आयात करेगा। इस संबंध में बातचीत पूरी हो चुकी है और इसके बारे में आधिकारिक घोषणा 17 मार्च को की जाएगी।
वैक्सीन एलायंस, गावी, जेनेवा स्थित एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जिसकी स्थापना 2000 में दुनिया के गरीब देशों में रहने वाले बच्चों के लिए नए और अप्रयुक्त टीके उपलब्ध कराने के उद्देश्य के साथ की गई थी। वर्तमान में, ये एलायंस कोविड-19 वैक्सीन की उपलब्धता में एक सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
इससे पहले टाइम्स नाऊ ने भी मंगलवार को कहा था कि गावी (ग्लोबल एलायंस फॉर वैक्सीनेशन एंड इम्यूनाइजेशन) वैक्सीन एलायंस के तहत पाकिस्तान भारत से 4.5 करोड़ इंडिया-मेड कोविड-19 वैक्सीन हासिल करेगा।
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एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक, पहले चरण में 1.5 करोड़ डोज के लिए ऑर्डर दिया जाएगा, जबकि शेष 3 करोड़ डोज का आयात जुलाई से दिसंबर के बीच किया जाएगा। उमर ने इस बात की पुष्टि की है कि गावी के जरिये भारत से वैक्सीन का आयात करने का समझौता पिछले साल ही पूरा कर लिया गया था। भारत दुनिया में सबसे बड़े वैक्सीन उत्पादकों में से एक है।
भारत कोविड-19 से निपटने में सबसे आगे रहा
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथन ने कहा कि कोरोना वायरस से निपटने में भारत सबसे आगे रहा है। गोपीनाथन ने कोविड-19 संकट के दौरान इस महामारी से बचाव के लिए टीके का विनिर्माण करने और उसे कई देशों में भेजने में बहुत अहम भूमिका निभाने को लेकर भी भारत की तारीफ की। गोपीनाथन ने यह टिप्पणी डॉ हंसा मेहता व्याख्यान के दौरान की। इसका आयोजन अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर किया गया था।
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उन्होंने कहा कि मैं यह भी जिक्र करना चाहूंगी कि टीका नीति के संबंध में भारत ने वास्तव में उल्लेखनीय कार्य किया है। जब आप देखेंगे कि दुनिया में टीका निर्माण का केंद्र कहां है, तो यह भारत में मिलेगा।” गोपीनाथन ने सीरम इंस्ट्टीयूट ऑफ इंडिया,पुणे की तारीफ करते हुए कहा कि उसने दुनिया में टीके की सबसे ज्यादा खुराकें बनाई और इनकी आपूर्ति कोवैक्स को की और फिर दुनियाभर के देशों को यह वितरित की गई।
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