पाकिस्तान में जुलाई-जनवरी के बीच FDI 27 प्रतिशत गिरा, चीन ने नए निवेश से हाथ पीछे खीचे
पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक ने बताया कि वित्त वर्ष 2020-21 में जुलाई से जनवरी के दौरान 1.145 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आया है।
इस्लामाबाद। चालू वित्त वर्ष (जुलाई से जून) के पहले सात महीनों के दौरान पाकिस्तान (Pakistan) के विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (Foreign direct investment) में 27 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान के पड़ोसी मित्र चीन से आने वाले निवेश में कमी आने की वजह से एफडीआई में यह गिरावट आई है। डॉन अखबार की एक रिपोर्ट में स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (State Bank of Pakistan) के हवाले से कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष के पहले सात माह के दौरान एफडीआई पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 27 प्रतिशत कम रहा है। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान मंगलवार को ही भारतीय हवाई क्षेत्र से गुजरते हुए श्रीलंका के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे हैं।
पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक ने बताया कि वित्त वर्ष 2020-21 में जुलाई से जनवरी के दौरान 1.145 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आया है। इससे पहले वित्त वर्ष 2019-20 के पहले सात माह के दौरान देश में 1.577 अरब डॉलर का एफडीआई आया था। जनवरी के दौरान 19.27 करोड़ डॉलर का एफडीआई आया, जो एक साल पहले समान माह के 21.9 करोड़ डॉलर की तुलना में पूरा 12 प्रतिशत कम है।
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रिपोर्ट में कहा गया हे कि 7 माह के दौरान एफडीआई में आई इस गिरावट का मुख्य कारण चीन से आने वाले शुद्ध एफडीआई में कमी आना और नॉर्वे द्वारा शुद्ध पैसे की निकासी करना है। देश के आधार पर रिपोर्ट में बताया गया है कि चालू वित्त वर्ष के पहले सात माह में चीन से 40.28 करोड़ डॉलर का एफडीआई आया, जबकि एक साल पहले समान अवधि में चीन से 50.26 करोड़ डॉलर का निवेश हासिल हुआ था।
सात माह के दौरान चीन से निवेश 70.72 करोड़ डॉलर रहा लेकिन चीन ने इस दौरान 30.44 करोड़ डॉलर की निकासी भी की, जिससे चीन से आने वाले शुद्ध एफडीआई 40.28 करोड़ डॉलर रहा। चीन के बाद नीदरलैंड और हांगकांग का स्थान है, जहां से क्रमश: 12.2 करोड़ और 10.5 करोड़ डॉलर का निवेश आया।
चालू वित्त वर्ष के पहले सात माह में पाकिस्तान को यूके से एफडीआई 8.38 करोड़ डॉलर, अमेरिका से 7.35 करोड़ डॉलर और माल्टा से 6.06 करोड़ डॉलर का निवेश हासिल हुआ। पाकिस्तान के पावर सेक्टर में सबसे ज्यादा 47.58 करोड़ डॉलर का निवेश हुआ है। पिछले साल इस सेक्टर में 37.3 करोड़ डॉलर का निवेश हुआ था।
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