भारत के नक्शेकदम पर आगे बढ़ रहा है पाकिस्तान, स्मार्टफोन निर्यातक बन UAE को भेजी पहली खेप
खाड़ी देशों में बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक हैं। खाड़ी देशों के उच्च श्रेणी के उपभोक्ता उच्च स्तर के मोबाइल ब्रांड पसंद करते हैं और हमें उस बाजार में शामिल होने की कोशिश भी नहीं करनी चाहिए।
इस्लामाबाद। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान पूरी तरह से भारत के नक्शेकदम पर चलकर धीरे-धीरे ही सही लेकिन विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है। पाकिस्तान अपने यहां निर्मित स्मार्टफोन संयुक्त अरब अमीरात (UAE) को भेजकर स्मार्टफोन का निर्यातक बन गया है। अखबार डॉन न्यूज की रविवार को प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार इनोवी टेलीकॉम द्वारा निर्मित 4जी स्मार्टफोन के 5,500 मोबाइल सेट की पहली खेप शुक्रवार को यूएई भेजी गई। मोबाइल फोन के स्थानीय निर्माताओं ने हालांकि निर्यात अनुकूल नीति की आवश्यकता पर बल दिया है। उनका कहना है कि इससे पाकिस्तान पश्चिम एशिया में प्रतिस्पर्धी कंपनियों को कड़ी टक्कर दे सकेगा।
मोबाइल फोन नियामक पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण ने शनिवार को एक बयान में कंपनी को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी तथा उम्मीद जताई कि स्मार्ट फोन के निर्यात में और वृद्धि होगी। यह देश में मोबाइल फोन निर्माण के परिवेश के विकास के लिए ठोस प्रयासों का परिणाम है। इनोवी टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड को अप्रैल में मोबाइल फोन के निर्माण के लिए अनुमति दी गई थी। कंपनी चार महीने के भीतर अपना पहला निर्यात ऑर्डर पूरा करने में सफल रही है। कंपनी के मुख्य कार्यकारी जीशान मियां नूर ने कहा कि कंपनी का मुख्य लक्ष्य इराक, ईरान और अफगानिस्तान सहित पश्चिम एशिया के कम कीमत वाले फोन के बाजारों में प्रवेश करना है।
उन्होंने कहा कि हम चीनी ब्रांडों का निर्माण कर रहे हैं। खाड़ी देशों में बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक हैं। खाड़ी देशों के उच्च श्रेणी के उपभोक्ता उच्च स्तर के मोबाइल ब्रांड पसंद करते हैं और हमें उस बाजार में शामिल होने की कोशिश भी नहीं करनी चाहिए।
भारत आयात करने के बजाये अब मोबाइल फोन निर्यात कर रहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि भारत सात साल पहले 8 अरब डॉलर मूल्य का मोबाइल फोन आयात करता था और अब देश इन्ही उपकरणों का 3 अरब डॉलर मूल्य का निर्यात कर रहा है। राष्ट्र को 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि सरकार ने महत्वपूर्ण कार्यक्रम ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना की घोषणा की है।
उन्होंने कहा, ‘‘योजना से जो बदलाव आए हैं, इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण उसका उदाहरण है। सात साल पहले, हम करीब 8 अरब डॉलर मूल्य का मोबाइल फोन आयात करते थे। अब आयात कम हुआ है। आज हम 3 अरब डॉलर मूल्य का मोबाइल फोन आयात कर रहे हैं।’’ उल्लेखनीय है कि इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने पीएलआई योजना के तहत 148 अरब डॉलर के निवेश से जुड़े घरेलू तथा अंततरराष्ट्रीय कंपनियों के 16 प्रस्तावों को मंजूरी दी है। देश में उदारीकरण नीतियों को आगे बढ़ाने का परिणाम है कि आज रिकॉर्ड प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आ रहा है और देश का विदेशी मुद्रा भंडार भी नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। मोदी ने देश के उद्योगों से ‘वैश्विक स्तरीय विनिर्माण’ का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ने का आह्वान किया। उन्होंने भारतीय उत्पादों को विश्वस्तरीय गुणवत्ता वाला बनाने पर जोर देते हुए कहा, ‘‘जो उत्पाद हम बाहर भेजते हैं वह केवल किसी एक कंपनी का उत्पाद नहीं होता है बल्कि वह उत्पाद भारत की पहचान होता है। उस उत्पाद से भारत की प्रतिष्ठा जुड़ी होती। इसलिए भारत में निर्मित उत्पाद - बेहतर होने चाहिए।’’
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