कराची। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा नकदी-संकट से ग्रसित देश के लिए वित्तीय सहायता के लिए पूरी दुनिया से ‘भीख’ मांगे जाने की सिंध प्रांत के मुख्यमंत्री ने आलोचना की है। पाकिस्तान वर्तमान में गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रहा है।
गंभीर भुगतान-संतुलन संकट से खुद को बचाने के लिए पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से 8 अरब डॉलर का बेल आउट पैकेज की मांग की है। यह संकट इतना गंभीर है कि इससे देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह चौपट हो सकती है।
सिंध प्रांत के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह ने रविवार को एक रैली में कहा कि इमरान खान वित्तीय सहायता के लिए भीख मांगने के लिए दुनियाभर में घूम रह हैं। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के नेता ने यह भी कहा कि राजनीति में बगैर अनुभव वाले लोगों को सरकार में सीट दी गई है।
5 जनवरी को युनाइटेड अरब अमीरात (यूएई) ने पाकिस्तान को 6.2 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता देने का ऐलान किया है। इस पैकेज में 3.2 अरब डॉलर मूल्य की तेल आपूर्ति और 3 अरब डॉलर की नकदी सहायता शामिल है। यह पैकेज सऊदी अरब के वित्तीय पैकेज के समान ही है। इस मदद के साथ पाकिस्तान को यूएई और सऊदी अरब से तेल और गैस आयात पर लगभग 7.9 अरब डॉलर की बचत होगी, पाकिस्तान का सालाना आयात बिल 12 से 13 अरब डॉलर है।
सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान सरकार कतर के साथ भी एलएनजी कीमतों में राहत देने या भुगतान के लिए कुछ छूट देने पर बातचीत कर रही है, हालांकि यह बातचीत अभी शुरुआती चरण में है। इमरान खान ने वित्तीय मदद मांगने के लिए नवंबर में चीन की यात्रा की थी और बीजिंग ने पाकिस्तान को 2 अरब डॉलर की सहायता को मंजूरी भी दे दी है।
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