पाकिस्तान को शायद न पड़े IMF से वित्तीय मदद लेने की जरूरत, PM खान ने मित्र देशों से मांगी मदद
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुवार को कहा कि कुछ दोस्त देशों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलने के बाद शायद अब आर्थिक मदद के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुवार को कहा कि कुछ मित्र देशों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलने के बाद शायद अब आर्थिक मदद के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। प्रधानमंत्री ने यह बात आईएमएफ से सरकारी अधिकारियों के मिलने से एक दिन बाद कही है। इस बैठक में पाकिस्तान के वित्त मंत्री ने आईएमफ से अनौपचारिक तौर पर आर्थिक संकट से उबरने के लिए बेलआउट पैकेज की मांग की थी।
वरिष्ठ संपादकों से बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री खान ने कहा कि उनकी सरकार कुछ मित्र देशों के साथ संपर्क में है और उन्होंने बढ़ते भुगतान घाटे और घटते विदेशी मुद्रा भंडार से निपटने के लिए उनसे मदद मांगी है। हालांकि, उन्होंने किसी देश का नाम नहीं लिया, लेकिन पाकिस्तानी मीडिया ने कहा है कि सरकार चीन और साउदी अरब जैसे सहयोगी देशों से वित्तीय मदद ले सकती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दोस्त देशों ने उनकी मांग पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा भरोसा है कि हमें वित्तीय मदद के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास नहीं जाना पड़ेगा। अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए अतिरिक्त लग्जरी कारों की नीलामी करने के अलावा प्रधानमंत्री खान के प्रस्ताव में सरकारी इमारतों को यूनिवर्सिटीज में बदलना, वीआईपी सुरक्षा प्रोटोकॉल को खत्म करना और सरकारी दफ्तरों में एसी का उपयोग बंद करना शामिल है।
पाकिस्तान को भुगतान संतुलन के संकट से बचने के लिए 10 से 12 अरब डॉलर की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की हालत बहुत खराब है। खान ने कहा कि पूर्व सरकार ने बहुत अधिक उधार लिया इसलिए अब उनकी सरकार के लिए कर्ज चुकाना मुश्किल हो रहा है।
पाकिस्तान के वित्त मंत्री असद उमर ने 12 अक्टूबर को बाली में आयोजित आईएमएफ और वर्ल्उ बैंक की सालाना बैठक से इतर आईएमएफ प्रमुख क्रिस्टीना लेगार्ड से मुलाकात की थी और उन्होंने अनौपचारिक तौर पर स्थायीकरण रिकवरी प्रोग्राम की मांग की थी। उमर ने कहा था कि आईएमएफ का एक दल 7 नवंबर को पाकिस्तान आएगा। उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह से आईएमएफ पर निर्भर नहीं रहना चाहेगी और वह अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए हर संभव कदम उठाएगी।
उमर ने कहा कि आईएमएफ के साथ लोन प्रोग्राम लगभग फाइनल है, लेकिन सरकार यह देखेगी कि आईएमएफ इसके बदले पाकिस्तान के सामने कोई अनुचित शर्त न रखे। उधर अमेरिका ने भी कहा है कि पाकिस्तान की इस हालत के लिए चीन का भारी कर्ज जिम्मेदार है। अमेरिका ने कहा है कि वह आईएमएफ के पास पाकिस्तान के लोन आवेदन को उचित तरीके से जांचेगा।