कराची। वित्तीय संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को मई महीने के मध्य में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) से 6 अरब डॉलर से 12 अरब डॉलर तक का राहत पैकेज मिल सकता है। पाकिस्तान के वित्त मंत्री असद उमर ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने समझौते की शर्तों पर मतभेदों को काफी हद तक दूर कर लिया है।
प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान की तहरीक-ए-इंसाफ सरकार इन दिनों भुगतान में चूक की समस्या से जूझ रही है। पाकिस्तान ने इस संकट से बाहर आने के लिए अपनी करीबी सहयोगी देशों चीन, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात से मदद मांगी है।
उमर ने ब्रिटेन के दैनिक अखबार फाइनेंशियल टाइम्स को बताया कि हम राहत पैकेज के करीब पहुंच गए हैं। पाकिस्तानी समाचार पत्र डॉन ने ब्रिटिश अखबार के हवाले से कहा कि वित्त मंत्री उमर ने उम्मीद जताई है कि हम अप्रैल के अंत या फिर मई के पहले पखवाड़े (15 दिन) में आईएमएफ के साथ समझौते पर पहुंच जाएंगे। यह राहत पैकेज 6 अरब डॉलर से 12 अरब डॉलर के बीच होगा।
विश्लेषकों के अनुसार, आईएमएफ ने फ्री-फ्लोटिंग रुपए जैसे कई उपाय अपनाने का सुझाव दिया है, जिसके परिणामस्वरूप मुद्रा का और अधिक अवमूल्यन होगा। इसके अलावा आईएमएफ ने संरचनात्मक बदलाव जैसे टैक्स आधार को बढ़ाने का भी सुझाव दिया है।
अक्टूबर में, आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टीन लेगार्ड ने कहा था कि किसी भी आईएमएफ ऋण के लिए, चाहे वह पाकिस्तान हो या अन्य देश, ऋण की प्रकृति, आकार और शर्तों के बारे में पूरी समझ और पूर्ण पारदर्शिता की जरूरत होती है।
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