नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए अतिरिक्त कदम उठाने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा करने के बाद इस संबंध में घोषणा की जाएगी। उन्होंने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के लिए एक्साइज ड्यूटी में किसी प्रकार की कटौती से साफ इनकार किया है।
देश के आर्थिक विकास की रफ्तार चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में तीन साल के निचले स्तर 5.7 प्रतिशत पर आ गई है। जेटली स्थिति का जायजा लेने और वृद्धि तेज करने के उपाये पर विचार करने के लिए मंत्रालय के सहयोगियों एवं वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पिछले कुछ दिनों में कई मुलाकातें कर चुके हैं।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, हमने अर्थव्यवस्था के सभी उपलब्ध संकेतकों का जायजा लिया है। सरकार हर आवश्यक कदम उठाएगी। मैं इस स्थिति में नहीं हूं कि यहां संवाददाता सम्मेलन में इसकी घोषणा कर सकूं। मैं निश्चित रूप से पहले प्रधानमंत्री मोदी के साथ सलाह मशविरा करूंगा और जब हम तय कर लेंगे, आपको भी पता चल जाएगा।
जेटली ने आगे कहा कि यह एक सक्रिय सरकार है और जब-जब परिस्थिति बनी है इसने आवश्यक कदम उठाया है। उन्होंने कहा, हम यथोचित कदम उठा रहे हैं। हम सुधार के एजेंडे पर निरंतर आगे बढ़ रहे हैं। वित्त मंत्री ने कहा, हमने सामने आ रहे सभी संकेतकों का जायजा लिया है। पिछले दो दिनों में मैंने अपने सहयोगियों, सचिवों और सरकार में शामिल विशेषज्ञों से कई बार बातचीत की है।
जेटली ने कल दो घंटे की समीक्षा बैठक की थी जिसमें वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु, रेल मंत्री पीयूष गोयल और नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार भी शामिल थे। इनके अलावा प्रधानमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव पी के मिश्रा, वाणिज्य सचिव रीता तेवतिया, मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन और वित्त मंत्रालय के सचिवों ने भी बैठक में भाग लिया।
उल्लेखनीय है कि दो साल पहले भारत के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर चीन से आगे निकल गई थी और इसे धूमिल वैश्विक अर्थव्यवस्था का चमकदार सितारा कहा जाने लगा था। लेकिन 2016 की शुरुआत से ही जीडीपी लगातार पांच तिमाही गिरकर अप्रैल-जून तिमाही में तीन साल के निचले स्तर 5.7 प्रतिशत पर आ गई। यह लगातार दूसरी तिमाही रही जब जीडीपी वृद्धि में भारत चीन से पिछड़ा है।
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