नई दिल्ली। घरेलू पूंजी बाजार में पार्टिसिपेटरी नोट्स (P-note) के जरिये निवेश मई माह में सात महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान बाजार में 1.81 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया गया। गैरकानूनी धन के प्रवाह को रोकने के लिए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा नियमों को कड़ा किए जाने के बावजूद पी-नोट्स के जरिये निवेश आश्चर्यजनक रूप से बढ़ा है।
P-note पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा उन विदेशी निवेशकों को जारी किए जाते हैं, जो खुद सीधे पंजीकरण के बिना भारतीय शेयर बाजारों में निवेश करना चाहते हैं। हालांकि उन्हें उचित जांच पड़ताल की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है।
सेबी के ताजा आंकड़ों के अनुसार मई के अंत तक भारतीय बाजारों में पी-नोट्स निवेश (शेयर, ऋण और डेरिवेटिव्स) 1,80,718 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। अप्रैल के अंत तक यह चार माह के निचले स्तर 1,68,545 करोड़ रुपए था। मई में इस मार्ग से निवेश पिछले साल अक्टूबर से सबसे अधिक है। उस समय पी-नोट्स के जरिये निवेश 1,99,987 करोड़ रुपए रहा था।
मई के अंत तक पी-नोट्स के जरिये कुल निवेश में 1.09 लाख करोड़ रुपए शेयरों में और शेष ऋण और डेरिवेटिव बाजारों में किया गया है। हालांकि, पी-नोट्स के जरिये एफपीआई निवेश मई में 6.3 प्रतिशत बढ़ा है, जो कि इससे पहले महीने अप्रैल में 6 प्रतिशत था।
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