नई दिल्ली। घरेलू पूंजी बाजार में P-note निवेश ( पार्टिसिपेटरी नोट्स) के माध्यम से कुल निवेश जनवरी अंत तक बढ़कर 1.75 लाख करोड़ रुपए हो गया। इससे पहले पिछले महीने पी-नोट्स के माध्यम से निवेश घटकर 43 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया था।
पी-नोट्स भारत में पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) द्वारा विदेशों में जारी किए जाने वाले डेरिवेटिव अनुबंध हैं, जिनके माध्यम से आने वाली पूंजी भारतीय प्रतिभूतियों में लगाई जाती है। यह ऐसे निवेशकों के लिए जारी किए जाते हैं, जो भारतीय पूंजी बाजार में सीधे पंजीकरण कराए बिना भारतीय प्रतिभूतियों में निवेश करना चाहते हैं।
- सेबी के आंकड़ों के अनुसार जनवरी अंत तक भारतीय बाजार में पी-नोट के माध्यम से कुल निवेश 1,75,088 करोड़ रुपए रहा।
- इसमें इक्विटी, ऋण और डेरीवेटिव में हुआ निवेश शामिल है।
- दिंसबर के अंत में इसका स्तर 1,57,306 करोड़ रुपए था।
- दिसंबर में पी-नोट्स के माध्यम से निवेश जुलाई 2013 के बाद निम्नतम स्तर पर पहुंच गया था।
- जुलाई 2013 में यह 1,48,188 करोड़ रुपए था।
- पी-नोट्स के जरिये निवेश में पिछले साल सितंबर से लगातार गिरावट आ रही थी, तब यह 2,12,509 करोड़ रुपए के स्तर पर था।
- अक्टूबर अंत में यह घटकर 1,99,987 करोड़ रुपए और नवंबर में घटकर 1,79,648 करोड़ रुपए रह गया।
- जनवरी अंत में इक्विटी में पी-नोट निवेश 1.08 लाख करोड़ रुपए है, जबकि शेष निवेश ऋण और डेरीवेटिव मार्केट्स में है।
- जनवरी में पी-नोट्स के जरिये होने वाले एफपीआई निवेश में 7.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जो इससे पहले महीने में 6.7 प्रतिशत थी।
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