नई दिल्ली। हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र की कंपनी ओयो ने शुक्रवार को कहा कि उसने वैश्विक संस्थागत निवेशकों से 66 करोड़ डॉलर का टर्म लोन या टीएलबी वित्त जुटाया है, जिसका इस्तेमाल कंपनी अपना कर्ज चुकाने और दूसरे व्यापार निवेशों में करेगी। ओयो ने एक बयान में कहा कि कंपनी के निर्गम के लिए 1.7 गुना ज्यादा आवेदन मिले और उसे शीर्ष संस्थागत निवेशकों से करीब एक अरब डॉलर की प्रतिबद्धताएं मिलीं।
टीएलबी या टर्म लोन बी उन संस्थागत निवेशकों द्वारा दिया जाने वाला टर्म लोन है, जिनका मुख्य लक्ष्य अपने निवेशों पर दीर्घकालीन लाभ को अधिकतम करना होता है। बयान के अनुसार, कंपनी इस वित्त का इस्तेमाल अपने पुराने कर्ज चुकाने, बही खाते को मजबूत करने और उत्पाद प्रौद्योगिकी में निवेश सहित अन्य व्यापार उद्देश्यों के लिए करेगी।
ओयो ग्रुप के मुख्य वित्तीय अधिकारी अभिषेक गुप्ता ने घटनाक्रम को लेकर कहा कि हम ओयो के पहले टीएलबी वित्तीय उगाही को मिली प्रतिक्रिया से खुश हैं, इसके लिए शीर्ष वैश्विक संस्थागत निवेशकों ने कई गुना ज्यादा आवेदन दिए। यह इस स्तर पर ओयो उत्पादों की मजबूती एवं सफलता, हमारी मजबूत बुनियाद और उच्च मूल्य क्षमता को दर्शाता है।
उन्होंने आगे कहा कि ओयो अच्छी पूंजी वाली कंपनी है और यह मुनाफे में आने के रास्ते पर आगे बढ़ रही है। हमारे दो सबसे बड़े बाजारों ने फायदे का प्रदर्शन किया है जो यह दिखाता है कि कोविड-19 महामारी से अब इंडस्ट्री रिकवर हो रही है।
जेपी मॉर्गन, ड्यूश बैंक अैर मिजूहो सिक्यूरिटीज ने इस वित्तपोषण के लिए प्रबंधक की भूमिका निभाई। रेटिंग एजेंसी फिच और मूडीज ने इसके सीनियर सिक्योर्ड लोन को क्रमश: बी और बी3 रेटिंग प्रदान की है। रेटिंग एजेंसियों ने यह रेटिंग कंपनी के मजबूत बिजनेस मॉडल और मजबूत फाइनेंशियल प्रोफाइल को देखते हुए प्रदान की है।
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