नई दिल्ली। ओयो ने बुधवार को भारत में अपने कुछ कर्मचारियों से चार मई से अगले चार माह के लिए सीमित लाभ के साथ छुट्टी पर जाने का आदेश दिया है। इसके अलावा कंपनी ने अपने सभी कर्मचारियों से कहा है कि कोरोना वायरस की वजह से आतिथ्य क्षेत्र पर पड़े प्रभाव के मद्देनजर सभी अपने वेतन में 25 प्रतिशत कटौती को स्वीकार्य करें। ओयो के भारत में वर्तमान में लगभग 10,000 कर्मचारी हैं।
ओयो इंडिया और साउथ एशिया के सीईओ रोहित कपूर ने कर्मचारियों को भेजे गए ई-मेल में कहा है कि हमनें एक कठोर निर्णय लिया है जिसके तहत कुछ ओयो कर्मचारियों को 4 मई से अगले चार माह के लिए सीमित लाभ के साथ छुट्टी पर भेजा जाएगा।
उन्होंने कहा कि जो लोग छुट्टी पर भेजे जाएंगे, उन्हें मेडिकल इंश्योरेंस और पैरेंटल इंश्योरेंस, स्कूल फीस रिंबर्समेंट और एक्स-ग्रेशिया जैसे लाभ मिलते रहेंगे। कपूर ने कहा कि यदि हमारे किसी कर्मचारी को चिकित्सा आपातकाल में मदद की जरूरत होगी तो हम बीमा राशि के अलावा भी उसकी वित्तीय मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि यह सभी साथी ओयो परिवार का हिस्सा बने रहेंगे और हम उम्मीद करते हैं कि हम स्थिति सामान्य होने पर दोबारा उन्हें फुल-टाइम पेरोल पर वापस बुलाएंगे।
कपूर ने कहा कि ओयो कोविड-19 से पड़ने वाले प्रभाव से पूरी तरह से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठा रही है और अपने कारोबार की दीर्घावधि सफलता और स्थायित्व के लिए प्रयास कर रही है। आर्थिक दबाव के बावजूद कंपनी किसी की भी नौकरी न जाए यह सुनिश्चित कर रही है।
कंपनी ने बताया कि कर्मचारियों को उनके तय मासिक वेतन के 60 प्रतिशत के बराबर एक्स-ग्रेशिया राशि का दो बराबर किस्तों में भुगतान किया जाएगा। इसे मई और जून में प्रदान किया जाएगा। ओयो ने भारत के लिए एक मुश्किल लेकिन आवश्यक निर्णय भी लिया है। कंपनी ने अपने सभी कर्मचारियों के तय वेतन में 25 प्रतिशत कटौती करने की भी घोषणा की है। यह कटौती अप्रैल से जुलाई तक लागू रहेगी। इसके अलावा अन्य सभी लाभ और शर्ते पूर्व की तरह यथावत बनी रहेंगी।
ओयो के संस्थापक और ग्रुप सीईओ रितेश अग्रवाल ने कहा कि ओयो आतिथ्य क्षेत्र का एक अग्रणी ब्रांड है और इस संकट में राजस्व प्रभाव भी बहुत अधिक है। लगभग 50-60 प्रतिशत राजस्व घट गया है।
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