नई दिल्ली। बिल्डर्स ने जिन बायर्स को 2016 के अंत तक उनके फ्लैट का पजेशन देने का वादा किया था, उनमें से आधो को निराशा हाथ लग सकती है। प्रॉपर्टी रिसर्च फर्म प्रॉपइक्विटी के डेटा के आंकड़ों में इस बात का खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, देश के टॉप सात शहरों में जून तक 1,80,716 अपार्टमेंट्स बनकर तैयार हुए है, जबकि साल के अंत तक कुल 6,74,834 अपार्टमेंट्स तैयार होने का अनुमान लगया जा रहा है। इनमें से आधे से ज्यादा अपार्टमेंट्स का निर्माण कार्य अगले साल पूरा होने की संभावना है।
इनमें से ज्यादातर प्रोजेक्ट हुए थे 2010-2013 में लॉन्च
रिपोर्ट्स के कहा गया है कि इनमें से 60 फीसदी से ज्यादा प्रोजेक्ट्स 2010 से 2013 के बीच लॉन्च हुए थे। इससे पता चलता है कि उनका निर्माण कार्य पूरा होने में पहले ही एक से तीन साल की देरी हो चुकी है। ऐसे में स्वाभाविक तौर पर पहले से ही परेशान होम बायर्स को पजेशन देने का बिल्डर्स का वादा पूरा होने में और वक्त लगेगा। बिल्डर्स के नए शेड्यूल के मुताबिक 6,21,297 अपार्टमेंट्स का निर्माण 2017 में पूरा करके उनको खरीदार के हवाले कर दिया जाएगा। लेकिन आंकड़ा बढ़ सकता है क्योंकि इस साल डिलिवर होने वाले कुछ अपार्टमेंट्स का पजेशन अगले साल में शिफ्ट हो सकता है।
साल 2015 में 3,80,808 फ्लैट्स बने थे जबकि उससे पहले यानी 2014 में 2,68,376 जबकि 2013 में 2,14,811 और 2012 में 2,02,741 फ्लैट्स बने थे। बिल्डर्स के सामने बनी ऐसी अनिश्चितता का असर संभावित खरीदारों की सोच पर पड़ रहा है। ये लोग अब अंडरकंस्ट्रक्शन के बजाय तैयार हो चुके प्रॉजेक्ट्स को तरजीह देने लगे हैं। मैगजीन यह भी बताते हैं कि देश के टॉप शहरों में मिड सेगमेंट में हालिया क्वॉर्टर में मकानों की सेल बढ़ी है।
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