नई दिल्ली। देश के कुल प्रॉपर्टी मार्केट में 62 फीसदी की हिस्सेदारी रखने वाले दिल्ली NCR और मुंबई के बाजार में साडे़ तीन लाख से ज्यादा फ्लैट्स ग्राहकों के इंतजार में खाली पड़े हैं। इनमें से 2 लाख फ्लैट सिर्फ दिल्ली एनसीआर में खाली पड़े हैं। रिसर्च फर्म नाइटफ्रैंक की इंडिया रीयल एस्टेट रिपोर्ट के अनुसार देश के इन दोनों बड़े शहरों में करीब 3.90 लाख करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी को खरीददार नहीं मिल रहे हैं। बिक्री के खराब हालात के चलते इस साल की पहले छह महीनों में बीते तीन साल में सबसे कम रेजिडेंशियल प्रॉजेक्ट्स लॉन्च हुए हैं।
मुंबई में 1.8 लाख करोड़ के फ्लैट खाली
रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई मेट्रोपोलिटन रीजन में फिलहाल कुल 1.71 लाख फ्लैट ऐसे हैं, जिन्हें कोई खरीददार नहीं मिल रहा है। इन फ्लैटों की कीमत 1.80 लाख करोड़ रुपये के करीब है। अकेले साउथ सेंट्रल मुंबई में ही 50,000 करोड़ रुपये के अपार्टमेंट्स को खरीददार नहीं मिल रहे हैं। यह फ्लैट मुंबई शहर में न बिकने वाले फ्लैट्स की कुल कीमत के 36 पर्सेंट के बराबर हैं। हालांकि न बिकने वाले फ्लैट्स के कुल 4 पर्सेंट के बराबर ही यहां फ्लैट मौजूद हैं। जून के आखिर में साउथ सेंट्रल मुंबई में कुल 6,214 फ्लैट्स ऐसे थे, जो नहीं बिके थे।
बेंगलुरू और हैदराबाद में तेजी से बढ़ी डिमांड
फ्लैट्स की सेल्स में ग्रोथ की बात करें तो मुंबई इस मामले में 22.93 पर्सेंट के साथ टॉप पर है, जबकि 18 पर्सेंट के साथ बेंगलुरु दूसरे स्थान पर है। हैदराबाद में फ्लैट्स की सेल्स में 8.10 पर्सेंट की ग्रोथ हुई है। हालांकि पुणे के प्रॉपर्टी मार्केट में कोई ग्रोथ नहीं दिखी है। नाइट फ्रैंक इंडिया के चीफ इकॉनमिस्ट और नैशनल डायरेक्टर सामंतक दास ने कहा, ‘साउथ सेंट्रल मुंबई देश का सबसे महंगा रीयल एस्टेट मार्केट है। यह चेन्नै, हैदराबाद, कोलकाता और अहमदाबाद के मार्केट्स के बराबर है।’
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