मुंबई। विदेशी निवेशक भारत की वृद्धि को लेकर सकारात्मक हैं। विदेशी निवेशकों की भारतीय शेयर बाजार में रुचि लगातार बढ़ रही है। यही वजह है कि चालू वित्त वर्ष के शुरुआती आठ महीनों के दौरान सेबी के पास 1,800 से अधिक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। सेबी से प्राप्त ताजा आंकड़ों के अनुसार शेयर बाजार में वित्त वर्ष 2014-15 के दौरान कुल 1,444 नए एफपीआई ने पंजीकरण कराया था। केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद विदेशी निवेशकों की धारणा को काफी प्रोत्साहन मिला है।
आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2015-16 में अप्रैल से नवंबर के दौरान 1,813 अतिरिक्त एफपीआई को पूंजी बाजार नियामक सेबी से मंजूरी मिली है। इसके साथ ही इस प्रकार के निवेशकों की कुल संख्या 3,257 तक पहुंच गई है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 2014 में ऐसे नियम जारी किए, जिसके तहत विदेशी निवेशकों की विभिन्न श्रेणियों को एक नई श्रेणी एफपीआई में समाहित कर दिया गया।
नए नियमों के तहत एफपीआई को उनके कारोबारी जोखिम और अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) जरूरतों को देखते हुए तीन वर्गों में बांटा गया है। इसके अलावा उनके लिए रजिस्ट्रेशन की अन्य प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया है। नए नियमों के तहत एफपीआई को स्थायी रजिस्ट्रेशन दिया गया, जबकि इससे पहले भारतीय बाजारों में निवेश की इच्छुक विदेशी इकाईयों को एक साल या फिर पांच साल के लिए मंजूरी दी जाती थी। बहरहाल, नए नियम के तहत रजिस्ट्रेशन तब तक बना रहेगा, जब तक कि उसे निलंबित अथवा निरस्त नहीं किया जाता या फिर एफपीआई खुद इसे नहीं छोड़ देता है।
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