2020 तक संगठित गोल्ड लोन इंडस्ट्री हो जाएगी 3101 अरब रुपए की, विस्तार के लिए कंपनियां ला रही हैं लचीली योजनाएं
नई दिल्ली। भारत में गोल्ड लोन देने वाली कंपनियों का कारोबार वित्त वर्ष 2019-20 तक 3,101 अरब रुपए तक पहुंच जाएगा। यह अनुमान परामर्श कंपनी केपीएमजी ने अपनी एक ताजा रिपोर्ट में पेश किया है।
यहां आज जारी रिपोर्ट के अनुसार गोल्ड लोन का कारोबार करने वाली कंपनियां अब कारोबार में वृद्धि के लिए लचीली योजनाएं पेश कर रही है। इनमें ब्याज दर पहले से कम है और इनमें कागजी कवायद तथा साख आकलन प्रकिया की परेशानी भी कम है। रिपोर्ट के अनुसार ये कंपनियां छोटी अवधि के गोल्ड लोन जैसी अधिक विविधता लाकर अपने कारोबार को सोने की कीमत में उतार-चढ़ाव के जोखिम से अलग रखने के उपाय करती रहेंगी।
रिपोर्ट के अनुसार 2016-17 में देश में गोल्ड लोन का संगठित कारोबार 2,139 अरब रुपए का था, जो 2019-20 तक 3,101 अरब रुपए तक पहुंच सकता है। गोल्ड लोन कारोबार करने वाली कंपनियां ग्राहकों को महाजनी कर्ज से कम ब्याज दर पर कर्ज देती हैं। रिपोर्ट के अनुसार इन कंपनियों ने कर्ज आवेदन मंजूरी की प्रक्रिया पहले से आसान की है, जिससे इन योजनाओं का आकषर्ण बढ़ा है।
इसमें यह भी कहा गया है कि बाजार में सूक्ष्म ऋण बैंकों के पदार्पण से गोल्ड लोन कारोबार करने वाली कंपनियों के लिए बाजार प्रतिस्पर्धा बढ़ी है। इससे निपटने के लिए इन कंपनियों को भी नई प्रौद्योगिकी अपनानी चाहिए ताकि वे भी अपनी प्रक्रिया को स्वचालित कर सकें।