नई दिल्ली। नोटबंदी के दौरान खातों में जमा कराई गई जमा पूंजी में आयकर विभाग को 250 करोड़ रुपए की अघोषित संपत्ति का पता चला है। विभाग द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन क्लीनमनी के तहत आयकर विभाग की कई टीमों ने देशभर में 230 से अधिक सर्वे किए हैं।
- अधिकारियों के अनुसार ये सर्वे केवल व्यक्तियों और कंपनियों के व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में किए गए।
- विभाग ने पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडू, कर्नाटक और राष्ट्रीय राजधानी स्थित प्रतिष्ठानों में ये सर्वे किए।
- अधिकारियों का कहना है कि 250 करोड़ रुपए की इस संदिग्ध राशि को अब प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत घोषित किये जाने की उम्मीद है।
- प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना 31 मार्च तक खुली है।
आयकर विभाग ने नोटबंदी के दौरान प्राप्त भारी भरकम आंकड़ों के विश्लेषण और उनकी जांच के लिए दो कंपनियों को काम में लगाया है। ऑपरेशन क्लीनमनी के तहत विभाग को 15 फरवरी तक ऐसे खातों से संबंधित 6 लाख जवाब एवं प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुई हैं।
- विभाग ने क्लीनमनी ऑपरेशन के तहत 18 लाख लोगों को एसएमएस और ई-मेल भेजकर पूछताछ की है।
- नोटबंदी के दौरान जिन लोगों के खातों में पांच लाख रुपए से अधिक की संदिग्ध नकदी जमा की गई उन्हें ये संदेश भेजे गए।
- इनमें से छह लाख लोगों ने खातों में जमा नकदी के बारे में जवाब दिया है।
केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने हाल ही में कर अधिकारियों को निर्देश दिया है कि ऑपरेशन क्लीनमनी के तहत जिन करदाताओं से संपर्क किया गया है उन्हें किसी तरह की चेतावनी अथवा कारण बताओ नोटिस जारी नहीं किया जाना चाहिए। सीबीडीटी ने कहा है कि योजना के तहत सत्यापन कार्य जल्द से जल्द किया जाना चाहिए ताकि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का लाभ उठाया जा सके।
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