न्यूयॉर्क। तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक के मंत्रियों ने तेल उत्पादन बढ़ाने पर सहमति जताई और कहा कि अर्थव्यवस्थाओं को फिर से खोलने के लिए कदम उठाए जाने से तेल की मांग बढ़ रही है। साथ ही उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि आगे गंभीर लॉकडाउन के फैसले लिए जाते हैं तो वे आपातकालीन बैठक में उत्पादन बढ़ाने के अपने निर्णय की समीक्षा कर सकते हैं, क्योंकि ऐसी स्थिति में तेल की मांग कम होगी।
पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन ओपेक और अन्य देशों ने बुधवार को एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान कटौती में कमी करने पर सहमति व्यक्त की। उन्होंने पिछली बैठक में तैयार किए गए उत्पादन कार्यक्रम पर आगे बढ़ने की इच्छा जताई, जिसके तहत देशों को पिछले कुछ महीनों के मुकाबले अगस्त में अधिक तेल उत्पादन करने की अनुमति दी गई थी।
ओपेक में 13 देश हैं और इसमें सऊदी अरब का काफी हद तक वर्चस्व है। इसके अलावा अन्य तेल उत्पादक देशों का नेतृत्व रूस के पास है। ओपेके देश और उनके सहयोगी अगस्त में 77 लाख बैरल प्रतिदिन की कटौती करेंगे। विशेषज्ञों के मुताबिक जुलाई की तुलना में तेल उत्पादक देश अगस्त में 20 लाख बैरल प्रतिदिन अधिक तेल की आपूर्ति करेंगे।
सभी तेल उत्पादक देश जुलाई में तेल उत्पादन में प्रतिदिन एक करोड़ बैरल प्रतिदिन की कटौती करने पर सहमत हुए थे। यह कुल वैश्विक तेल आपूर्ति का लगभग 10 प्रतिशत हिस्सा है।
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