नई दिल्ली। देश में कुल पंजीकृत 17.79 लाख कंपनियों में से जून अंत तक करीब 66 प्रतिशत कंपनियां ही सक्रिय थीं। मुखौटा कंपनियों के खिलाफ सरकार की कार्रवाई के बीच आधिकारिक आंकड़ों से यह बात सामने आयी है। कारपोरेट कार्य मंत्रालय के ताजा आंकड़े के अनुसार 30 जून तक 11.89 लाख से अधिक कंपनियां काम कर रही थी। यानी ये कंपनियां अपनी सामान्य कारोबारी गतिविधियों के साथ नियम के मुताबिक जरूरी सूचनाएं समय पर दे रही थी।
अवैध कंपनियों पर कार्रवाई तेज करते हुए मंत्रालय ने पिछले वित्त वर्ष में करीब 2.26 लाख कंपनियों के नाम आधिकारिक रिकार्ड से हटाये। इतना ही नहीं ये इकाइयां जांच के घेरे में हैं और नियामकीय कार्रवाई का सामना कर सकती हैं। कुल 17.79 लाख पंजीकृत कंपनियों में से जून अंत तक 5.43 लाख बंद हो चुकी थी और 1,390 कंपनियां निष्क्रिय थी।
सरकारी आंकड़े के अनुसार 38,858 कंपनियां के नाम आधिकारिक आंकड़े से हटाने की प्रक्रिया जारी है जबकि 6,117 परिसमापन की प्रक्रिया में हैं। जिन कंपनियों के नाम रिकार्ड से हटाये गये हैं, उसमें से 103 फिर से कामकाज शुरू करने की प्रक्रिया में हैं। कामकाज के संदर्भ में 3.7 लाख कंपनियां सेवा क्षेत्र में और 2.36 लाख इकाइयां विनिर्माण एवं अन्य क्षेत्र में काम कर रही थी। मंत्रालय के अनुसार सर्वाधिक 3,53,556 कंपनियां महाराष्ट्र में काम कर रही हैं। उसके बाद दिल्ली (3,22,044) तथा पश्चिम बंगाल (1,97,823) का स्थान है।
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