नई दिल्ली। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव अनुराग जैन ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्रस्तावों को तेजी से मंजूरी दी जा रही है और आज की स्थिति में केवल 29 आवेदन ही लंबित हैं। रेफ्रिजरेटर, वाशिंग मशीन जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिये उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना पर आयोजित डीपीआईआईटी-फिक्की निवेशक गोलमेज बैठक में उन्होंने यह भी कहा कि जिन एफडीआई प्रस्तावों पर प्रेस नोट 3 (पीएन 3) के तहत विचार करने की जरूरत है, उसको सुगम बनाया जाएगा।
प्रेस नोट के तहत सरकार ने भारत के साथ जमीनी सीमा साझा करने वाले देशों के निवेशकों से आने वाले निवेश प्रस्तावों के मामले में पूर्व मंजूरी को अनिवार्य किया है। इसका उद्देश्य कोविड-19 महामारी में मौके का फायदा उठाते हुए घरेलू कंपनियों के अधिग्रहण पर अंकुश लगाना है। भारत के साथ जमीनी सीमा साझा करने वाले देश चीन, बांग्लादेश, पाकिस्तान, भूटान, नेपाल, म्यांमार और अफगानिस्तान हैं। उस निर्णय के अनुसार, इन देशों से आने वाले एफडीआई प्रस्तावों को भारत में किसी भी क्षेत्र में निवेश के लिए सरकार की मंजूरी की आवश्यकता है। जैन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने तीन महीने से भी कम समय में एफडीआई के मामले में काफी मंजूरी दी है। केवल 29 प्रस्ताव ही अभी मंजूरी के लिये लंबित हैं। इसमें कोई भी पीएन3 से संबंधित प्रस्ताव नहीं है।’’ एकल मंजूरी व्यवस्था के बारे में उन्होंने कहा कि अब तक 10 राज्यों और केंद्र सरकार के विभागों को एकीकृत किया गया है। 31 दिसंबर तक यह संख्या बढ़कर 14 या 16 हो जाएगी। जैन ने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य यभी 32 विभागों को एकीकृत करने का है।’’ इस बीच, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पूर्वोत्तर औद्योगिक विकास योजना अधिकार प्राप्त समिति ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में 105 नई इकाइयों के पंजीकरण को मंजूरी दी है। समिति ने अब तक कुल 2,631.19 करोड़ रुपये के प्रस्तावित निवेश के साथ 391 नई औद्योगिक इकाइयों के पंजीकरण को मंजूरी दी है।
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