नई दिल्ली। देश में तेजी से बढ़ते कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर सोमवार (20 अप्रैल) से मिलने वाली छूट को लेकर कुछ नए अपडेट सामने आए हैं। सरकार ने लॉकडाउन की अवधि (3 मई तक) के दौरान ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा अपने मंच के जरिये गैर-आवश्यक वस्तुओं की बिक्री पर रोक लगा दी है। चार दिन पहले ई-कॉमर्स कंपनियों को मोबाइल फोन, रेफ्रिजरेटर और सिलेसिलाए परिधानों आदि की बिक्री की अनुमति दी गई थी, लेकिन अब इस 'छूट' को वापस ले लिया गया है। कोरोना वायरस के चलते राष्ट्रव्यापी बंद तीन मई तक लागू किया गया है। इससे पहले के आदेश में कहा गया था कि ई-कॉमर्स कंपनियां 20 अप्रैल से इन उत्पादों की बिक्री कर सकेंगी।
गृह मंत्रालय ने कहा है कि कोरोना के चलते देश में लागू लॉकडाउन 2.0 में ई-कॉमर्स कंपनियों के मार्फत गैर जरूरी सामानों की आपूर्ति लॉकडाउन के तहत प्रतिबंधित रहेंगी। बता दें कि देश में कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए सरकार ने 3 मई तक लॉकडाउन 2.0 बढ़ा दिया है, जो पहले 14 अप्रैल तक था। एमएचए के इस फैसले से अब अमेजॉन, फ्लिपकार्ट समेत अन्य ई-कॉमर्स कंपनियां अपने प्लेटफॉर्स पर गैर जरूरी सामानों को नहीं बेच पाएंगी।
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने रविवार को इस बारे में आदेश जारी किया। इसमें समेकित संशोधित दिशानिर्देशों से ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा गैरजरूरी उत्पादों की बिक्री को हटा दिया गया है। आदेश में कहा गया है कि ई-कॉमर्स कंपनियों से संबंधित प्रावधान जिसमें उनके वाहनों को आवश्यक अनुमति के साथ आवाजाही की अनुमति दी गई थी, को दिशानिर्देशों से हटाया जा रहा है। हालांकि, इस आदेश को पलटने की वजह तत्काल पता नहीं चल पाई है।
केवल जरूरी सामान की हो पाएगी डिलीवरी
सरकार ने देश में लागू लॉकडाउन को लेकर ई-कॉमर्स कंपनियों को 20 अप्रैल से काम करने की अनुमति तो दी है लेकिन वे गैर-जरूरी सामान की डिलीवरी नहीं कर पाएंगी। पिछले हफ्ते गृह मंत्रालय ने 20 अप्रैल से कुछ क्षेत्रों में शर्तों के साथ छूट देने के लिए गाइडलाइन जारी की थी। सरकार ने राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए जारी किए नए आदेश में साफ कर दिया है कि ई-कॉमर्स कंपनियां और उनके वाहनों का इस्तेमाल केवल जरूरी सामानों की डिलीवरी के लिए ही होगा। इस दौरान किसी भी गैर जरूरी सामानों की आपूर्ति नहीं की जा सकेगी।
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