नई दिल्ली। उत्पादक राज्यों से आपूर्ति घटने की वजह से पिछले 10 दिनों के भीतर राष्ट्रीय राजधानी में प्याज की थोक कीमतों में 7 से 10 रुपए प्रति किलो तक की बढ़ोतरी हो चुकी है। इस समय थोक मंडी में प्याज का भाव 23 रुपए प्रति किलो तक पहुंच चुका है।
थोक मंडी में भाव बढ़ने का असर खुदरा बाजार पर भी देखा जा रहा है। क्वालिटी और जगह के हिसाब से प्याज इस समय 30 से 40 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिक रही है।
प्याज और आलू मर्चेंट्स एसोसिएशन (आजादपुर मंडी) के महासचिव राजेंद्र शर्मा ने बताया कि पिछले 10 दिनों के भीतर प्याज की कीमतों में 7 से 10 रुपए प्रति किलो की बढ़ोतरी हो चुकी है। न केवल नई और पुरानी फसल के बीच कीमतों में अंतर कम हुआ है, बल्कि नई खरीफ फसल की आवक भी अभी शुरू नहीं हुई है क्योंकि किसान इस समय त्योहार मनाने के मूड में हैं और अपनी फसल मंडियों में लेकर नहीं आ रहे हैं।
महाराष्ट्र के नाशिक जिले में लासलगांव, जो एशिया की सबसे बड़ी थोक प्याज मंडी है, में भी प्याज की कीमत भी बढ़कर 21 से 22 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई है। राज्य में लू चलने के कारण खरीफ फसल में गिरावट आने की खबरों की वजह से ऐसा हुआ है।
आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि एक साल पहले लासलगांव में प्याज का भाव 15 रुपए प्रति किलोग्राम था। महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, पंजाब और राजस्थान प्रमुख प्याज उत्पादक राज्य हैं। नई फसल के बाजार में पर्याप्त मात्रा में आने पर ही बढ़ी कीमत से राहत मिलेगी।
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