इंदौर। मध्यप्रदेश में इस बार प्याज की बम्पर पैदावार के चलते थोक बाजार में इस सब्जी के भाव लुढ़कने के बाद किसानों को घाटे के मद्देनजर राज्य सरकार ने नए शीत भंडार गृह खोलने को बढ़ावा देने की कवायद तेज कर दी है।
प्रदेश के उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण विभाग के संचालक एम एस धाकड़ ने शीत भंडार गृहों पर आयोजित सेमिनार के दौरान बताया, हम चाहते हैं कि अगले दो साल के भीतर प्रदेश में पांच लाख टन क्षमता के ऐसे शीत भंडार गृह खुलें, जिनमें प्याज को सुरक्षित रखा जा सके।
उन्होंने कहा, शीत भंडार गृहों के अभाव के चलते किसानों को औने-पौने दाम पर प्याज बेचकर घाटा उठाने को मजबूर होना पड़ता है। हम इस स्थिति को बदलना चाहते हैं। नए शीत भंडार गृह खुलने से किसान अच्छे दाम मिलने तक प्याज को सुरक्षित रख सकते हैं। धाकड़ ने बताया कि सूबे में फिलहाल 212 शीत भंडार गृह हैं जिनकी मौजूदा क्षमता करीब 9.5 लाख टन है। प्रदेश सरकार आने वाले दो सालों में इस क्षमता को बढ़ाकर 14.5 लाख टन पर पहुंचाना चाहती है। उन्होंने हालांकि बताया कि केंद्र सरकार के राष्ट्रीय कोल्ड चेन विकास केंद्र (एनसीसीडी) ने एक सर्वेक्षण के बाद कहा है कि मध्यप्रदेश को कुल 18 लाख टन क्षमता के शीत भंडार गृहों की आवश्यकता है।
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