सरकार ने प्याज को लेकर उठाया बड़ा कदम, जल्द घटेंगी कीमतें, लिया ये फैसला
प्याज की बढ़ती कीमतों को नियंत्रण में बनाए रखने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है, जिससे आने वाले दिनों में प्याज की कीमत में कमी आ सकती है।
नयी दिल्ली। प्याज की बढ़ती कीमतों को नियंत्रण में बनाए रखने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है, जिससे आने वाले दिनों में प्याज की कीमत में कमी आ सकती है। दरअसल, आसमान छूते प्याज के दाम को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए शनिवार को एक लाख टन प्याज आयात करने की घोषणा की। सरकार ने एमएमटीसी (MMTC) को एक लाख टन प्याज आयात करने का ऑर्डर दिया है। केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने शनिवार को ट्वीट के जरिए कहा कि सरकार ने एक लाख टन प्याज आयात करने का फैसला लिया है।
बता दें कि दिल्ली सहित कुछ स्थानों पर खुदरा बाजार में प्याज का मूल्य लगभग 100 रुपए प्रति किलोग्राम तक जा पहुंचा है। सरकारी स्वामित्व वाली व्यापार कंपनी एमएमटीसी प्याज का आयात करेगी। जबकि सहकारी संस्था नाफेड घरेलू बाजार में इसकी आपूर्ति करेगी। बाजार पर नजर रखने वाली सचिवों की समिति की बैठक में शनिवार को आयात का निर्णय किया गया।
रामविलास पासवान ने एक ट्वीट में कहा, 'सरकार ने कीमतों को नियंत्रित करने के लिए एक लाख टन प्याज आयात करने का निर्णय किया है।' उन्होंने कहा कि एमएमटीसी को 15 नवंबर से 15 दिसंबर के बीच प्याज का आयात करने और घरेलू बाजार में वितरण के लिए इसे उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है। एमएमटीसी को दुबई व अन्य देशों से प्याज का आयात कर देश में इसकी उपलब्धता बढ़ाने का निदेर्श दिया गया है।
मंत्री ने कहा कि नाफेड को देश भर में आयातित प्याज की आपूर्ति करने का निर्देश दिया गया है। पिछले सप्ताह सरकार ने कहा था कि वह प्याज की घरेलू आपूर्ति को बढ़ाने के लिए संयुक्त अरब अमीरात सहित अन्य देशों से इस सब्जी का पर्याप्त मात्रा में आयात करेगी। एमएमटीसी के अनुसार इस संबंध में निकाली गयी एक निविदा 14 नवंबर को बंद होगी और दूसरी 18 नवंबर को।
निविदा के मुताबिक प्याज की 2,000 टन की पहली खेप तुरंत भारतीय बंदरगाहों पर पहुंचनी चाहिए, जबकि दूसरे को दिसंबर-अंत तक लाया जा सकता है। बोलीदाताओं को न्यूनतम 500 टन प्याज की बोली लगानी होगी। अंतर्देशीय कंटेनर डिपो के मामले में, न्यूनतम बोली मात्रा 250 टन होगी। आवश्यकता के आधार पर 250 टन की इकाइयों में सटीक आपूर्ति आदेश को विनियमित किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि एमएमटीसी को 2,000 टन प्याज आयात करने के लिए अपनी पहली निविदा के लिए अच्छी प्रतिक्रिया हासिल नहीं हुई थी।
सरकार निजी व्यापारियों के माध्यम से मिस्र, ईरान, तुर्की और अफगानिस्तान से प्याज के आयात बढ़ाने की कोशिश कर रही है। इसके लिए 30 नवंबर तक स्वच्छता संबंधी (फाइटोसैनेटिक) और धूम्र-उपचार मानदंडों को उदार बनाया गया है। बेहद सीमित आपूर्ति के कारण प्याज की कीमतें एक महीने से अधिक तेजी से बढ़ी हैं। व्यापार के आंकड़ों के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में इसका खुदरा मूल्य 100 रुपये प्रति किलोग्राम तक बढ़ गया है और देश के अन्य भागों में 60-80 रुपये प्रति किलोग्राम चल रहा है। महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में भारी बरसात होने के कारण खरीफ प्याज के उत्पादन में 30-40 प्रतिशत की कमी आने की वजह से इस सब्जी की कीमतें तेजी से बढ़ गयी हैं।