नई दिल्ली। बेमौसम बारिश से एक बार फिर प्याज की कीमतों में बढ़त देखने को मिली है। एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव में प्याज की औसत भाव 4200 रुपये प्रति क्विंटल के ऊपर पहुंच गया है। पिछले 2 दिनों में कीमत में 970 रुपये की बढ़त देखने को मिली है।
कहां पहुंची कीमतें
खबरों के मुताबिक शनिवार को लासलगांव में प्याज का औसत भाव 4250 से 4551 रुपये प्रति क्विंटल के बीच रहा है। जबकि दो दिन पहले कीमतें 4 हजार के स्तर से नीचे पर थीं। कारोबारियों की माने तो महाराष्ट्र में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से फसल पर बुरा असर पड़ा है जिससे सप्लाई कम हुई है। कारोबारी आशंका जता रहे हैं कि छोटी अवधि में कीमतें आगे और बढ़ सकती हैं क्योंकि नई फसल की सप्लाई पर असर पड़ा है। हालांकि मार्च से सप्लाई में सुधार के साथ कीमतों में नरमी आ सकती है। वहीं दूसरी तरफ प्याज की थोक कीमत में बढ़त का असर खुदरा कीमतों पर देखने को मिला है। दिल्ली में प्याज की खुदरा कीमत 50 रुपये प्रति किलो के पार पहुंच गया है। हालांकि एक महीने पहले कीमत 35 से 40 रुपये प्रति किलो के स्तर के बीच थीं।
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नई तकनीक से कीमतों पर नियंत्रण की कोशिश
प्याज की कीमतों में लगातार बढ़त देखने को मिलती है। इसे देखते हुए सरकार तकनीक की भी मदद ले रही है। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय ने प्याज की नई किस्म तैयार की है। वैज्ञानिकों का दावा है कि इस किस्म से मिलने वाला प्याज 4 महीने तक सुरक्षित रहेगा। वहीं इसमें उपज भी ज्यादा मिलती है, क्योंकि इसमें फूल नहीं आते। अक्सर मॉनसून के बाद कीमतों में तेज बढ़त देखने को मिलती है और प्याज की कीमत 100 रुपये प्रति किलो के पार पहुंच जाती है। नए किस्म और बेहतर भंडारण व्यवस्था की मदद से सरकार प्याज की सप्लाई बनाए रखने की कोशिश में है।
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