नई दिल्ली। देश में प्याज निर्यात में कमी की वजह से आने वाले दिनों में प्याज किसानों की परेशानी बढ़ सकती है। प्याज के भाव पहले ही करीब 8 महीने के निचले स्तर पर है और अब निर्यात घटने की खबर से इसके भाव में और कमी की आशंका बढ़ गई है, भाव घटा तो प्याज किसानों पर इसकी मार पड़ सकती है।
ऐसा रहा प्याज का निर्यात
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्तवर्ष 2017-18 के पहले 9 महीने यानि अप्रैल से दिसंबर 2017 के दौरान देश से प्याज निर्यात में करीब 20 प्रतिशत की भारी गिरावट आई है। आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान देश से कुल 19.22 लाख टन प्याज का निर्याद हो पाया है जबकि वित्तवर्ष 2016-17 में इस दौरान करीब 24 लाख टन प्याज एक्सपोर्ट हो गया था।
निर्यात को बढ़ावा दे रही है सरकार
प्याज निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कदम उठाना शुरू कर दिए हैं, सरकार ने पिछले महीने ही निर्यात के लिए 700 डॉलर प्रति टन की न्यूनतम निर्यात मूल्य की शर्त को खत्म किया है। अब प्याज निर्यातक अपनी मर्जी के भाव पर निर्यात कर सकते हैं।
भाव 8 महीने निचले स्तर पर
सरकार ने प्याज किसानों को अच्छा भाव दिलाने के लिए न्यूनतम निर्यात मूल्य की शर्त को तो हटाया है लेकिन इसके बावजूद प्याज का भाव लगातार कम हो रहा है। देश की सबसे बड़ी प्याज मंडी महाराष्ट्र के लासलगांव में शुक्रवार को इसका औसत भाव 754 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया जो जुलाई 2017 के बाद सबसे कम भाव है।
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