नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) अहमदाबाद और वडोदरा में अपने गोल्फ कोर्स को विनिवेश से बचाने में कामयाब रही है। विनिवेश विभाग ने कंपनी की ‘गैर-प्रमुख’ संपत्तियों की बिक्री का विचार टाल दिया है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने मई, 2019 में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के गोल्फ कोर्स और स्पोर्ट्स क्लब को गैर-प्रमुख संपत्तियां करार देते हुए इनके मौद्रिकरण की मंशा जताई थी।
दीपम ने अहमदाबाद और वडोदरा में ओएनजीसी के दो गोल्फ कोर्स को गैर-प्रमुख संपत्तियों के रूप में सूचीबद्ध किया था। विभाग ने कहा था कि सरकार के लिए पैसा जुटाने के लिए इनकी बिक्री निजी डेवलपर्स को किए जाने की जरूरत है। लेकिन अहमदाबाद का गोल्फ कोर्स एक तेल क्षेत्र के बीच में है। इसमें तेल के कुएं है। मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि दीपम ने इन दो गोल्फ कोर्स को बिक्री की सूची से कुछ सप्ताह पहले हटा दिया है।
ओएनजीसी ने विभाग के सामने दलील दी थी कि इन गोल्फ कोर्स की बिक्री का मतलब निजी डेवलपर को उत्पादन वाले कुएं सौंपना भी होगा। इसके साथ ही ओएनजीसी ने कहा था कि गोल्फ कोर्स जिस जमीन पर हैं वह उसकी नहीं है। यह जमीन स्थानीय नगर निगम से दीर्घावधि के पट्टे पर ली गई है। कंपनी के पास जिस जमीन का स्वामित्व नहीं है उसे बेचा नहीं जा सकता। अहमदबाद का 9-होल गोल्फ कोर्स ओएनजीसी के परिचालन वाले 15.69 वर्ग किलोमीटर के मोटेरा तेल क्षेत्र में है। मोटेरा तेल क्षेत्र के पांच कुओं में से दो गोल्फ कोर्स में हैं। मोटेरा से प्रतिदिन 245 बैरल तेल और 16,000 घनमीटर गैस का उत्पादन होता है।
सूत्रों ने बताया कि ओएनजीसी ने दीपम से कहा कि अहमदाबाद के गोल्फ कोर्स से उत्पादन हो रहा है। राजस्व देने वाली संपत्तियों को गैर-प्रमुख संपत्ति करार नहीं दिया जा सकता। दीपम ने पिछले साल सरकारी विभागों और केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के जमीन के टुकड़ों तथा गैर-प्रमुख संपत्तियों के आकलन की प्रक्रिया शुरू की थी। इसी के तहत दीपम ने ओएनजीसी के अहमदाबाद और वडोदरा के गोल्फ कोर्स तथा भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसीएल) के मुंबई के चेंबूर के स्पोर्ट्स क्लब को चिन्हित किया था।
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