नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) गुजरात की अपनी मेगा पेट्रोकेमिकल परियोजना में हिस्सेदारी बेच सकती है। यह हिस्सेदारी हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) का अधिग्रहण करने के लिए बेची जाएगी। ओएनजीसी ने एचपीसीएल में सरकार की संपूर्ण 51.11 प्रतिशत हिस्सेदारी 36,915 करोड़ रुपए में खरीदने के लिए बैंकों से भी कर्ज लिया है।
ओएनजीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ओएनजीसी परंपरागत तौर पर एक ऋणमुक्त कंपनी रही है। कंपनी जल्द से जल्द इस स्थिति में दोबारा लौटना चाहती है। कंपनी के पास कई परिसंपत्तियां हैं, जिन्हें बेचकर कर्ज चुकाया जा सकता है।
ओएनजीसी के पास देश की सबसे बड़ी रिफाइनरी कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की 13.77 प्रतिशत हिस्सेदारी है। ओएनजीसी के पास गैस क्षेत्र की प्रमुख कंपनी गेल इंडिया लिमिटेड की भी 4.86 प्रतिशत हिस्सेदारी है। दोनों कंपनियों में उसकी इस हिस्सेदारी का मूल्य आज के शेयर मूल्य के हिसाब से कुल 29,600 करोड़ रुपए है।
अधिकारी ने कहा कि ओएनजीसी, आईओसी और गेल में अपनी हिस्सेदारी सही समय पर बेचेगी। हिस्सेदारी को एक झटके में बेचना भी संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि इसके विकल्प के तौर पर ओएनजीसी- पेट्रोल एडीशंस लिमिटेड (ओपीएएल) में हिस्सेदारी बेच रही है। ओपीएएल का 11 लाख टन क्षमता का पेट्रोरसायन संयंत्र गुजरात के दाहेज में है। यह पिछले साल ही तैयार हुआ है और इस साल फरवरी में यह शत प्रतिशत क्षमता से काम करने लगा है।
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