नयी दिल्ली। पेट्रोलियम मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि मौजूदा क्षेत्रों से तेल और गैस उत्पादन को बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी के साथ पारदर्शी तरीके से निजी क्षेत्र को जोड़कर प्रयास किए जाने चाहिए। मंत्रालय का यह बयान अपने दूसरे नंबर के शीर्ष अधिकार के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने ओएनजीसी को अपना सबसे बड़ा तेल एवं गैस क्षेत्र विदेशी कंपनियों को देने को कहा था।
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव (खोज) अमर नाथ ने 28 अक्टूबर को ओएनजीसी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक सुभाष कुमार को इस संबंध में तीन पेज का पत्र लिखा था। उन्होंने कहा था कि उत्पादन बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय भागीदारों को आमंत्रित किया जाना चाहिए और 60 प्रतिशत भागीदारी और संचालन दिया जाना चाहिए। इस प्रस्ताव को हालांकि ओएनजीसी के प्रबंधन के साथ-साथ इसकी यूनियनों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा है।
पेट्रोलियम मंत्रालय ने इसी संबंध में सोमवार को एक बयान में कहा, ‘‘सरकार चाहती है कि तेल और गैस का घरेलू उत्पादन तेजी से बढ़े। प्रमुख संस्था होने के नाते ओएनजीसी को एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है।’’ मंत्रालय ने कहा कि खोज के अधीन क्षेत्र को बढ़ाया जाना चाहिए जिससे बाद में देश में तेल और गैस की और नयी खोज हो सके।
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